
अखाड़ा परिषद की बैठक (फाइल फोटो)
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कुछ समय पहले अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की सूची जारी की थी
इस सूची में 14 बाबाओं के नाम थे.
अब सूची जारी करने वाले बाबा सफर में ट्रेन से गायब.
रेलवे पुलिस के मुताबिक, गाड़ी नौ घंटे की देरी से चल रही थी और शनिवार रात साढ़े सात बजे भोपाल पहुंची. उनका एक सेवादार भोजन देने गाड़ी पर आया तो महंत नहीं मिले. उसने इस बात की सूचना अन्य लोगों को दी. मालवीय बताती हैं कि जब उन्हें सूचना मिली तब तक गाड़ी भुसावल स्टेशन तक पहुंच चुकी थी. भुसावल जीआरपी ने संबंधित कोच ए-वन की सीट 22 पर जाकर देखा तो वहां कुछ सामान रखा हुआ था.
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मालवीय ने बताया कि महंत के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन रविवार देर शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चला है. इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि ऐसी अफवाह थी कि महंत मोहनदास इंदौर में हैं. इस आधार पर पुलिस ने उनके आश्रम सहित अन्य स्थानों पर पता किया, मगर उनका कोई सुराग नहीं लगा. खोज अभी भी जारी है.
VIDEO: अखाड़ा परिषद ने जारी की फर्जी बाबाओं की लिस्ट
महंत मोहनदास जिस डिब्बे में यात्रा कर रहे थे, उसकी सवारियों ने भी भुसावल जीआरपी को बताया कि वे निजामुद्दीन स्टेशन के बाद कोच में नहीं आए. उनका सामान वहीं रखा रहा. महंत के लापता होने की बात तब सामने आई जब गाड़ी रविवार को कल्याण रेलवे स्टेशन पहुंची और उनकी अगवानी के लिए आए लोगों को महंत नहीं मिले, लेकिन उनका सामान जरूर मिला.(आईएएनएस की रिपोर्ट)
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