पत्नी को आधा किमी दूर से पानी ढोने से निजात दिलाने के लिए खोदा 31 फीट गहरा कुआं

उन्होंने कहा कि एक दिन जब हैंडपंप खराब होने के चलते पत्नी सुशीला बिना पानी के लौटी और उसने मुझे बताया, तो पत्नी की इसी परेशानी को देखते हुए मैंने अपने घर पर ही कुआं खोदने की ठान ली.

पत्नी को आधा किमी दूर से पानी ढोने से निजात दिलाने के लिए खोदा 31 फीट गहरा कुआं

प्रतीकात्मक तस्वीर

गुना:

पत्नी को रोजाना आधा किलोमीटर दूर से पीने का पानी सिर पर ढोकर लाने से दुखी 46 वर्षीय एक गरीब मजदूर ने उसे तोहफा देने के लिए 15 दिन में अपनी झोपड़ी के पास खुद का कुआं खोद दिया और उसे पानी ढोने की समस्या से निजात दिलाई. यह तोहफा मध्यप्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा तहसील के भानपुर बावा गांव में रहने वाले भरत सिंह ने अपनी पत्नी सुशीला को दो माह पहले द‍िया है. इससे न केवल उसकी पत्नी को आधा किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोकर लाने से निजात मिली, बल्कि अपनी आधा बीघा जमीन की सिंचाई करने की व्यवस्था भी हो गयी. सिंह ने बुधवार को बताया, ‘‘हमारे घर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी. मेरी पत्नी को आधा किलोमीटर दूर हैंडपंप पर पानी लेने जाना पड़ता था. इसमें उसे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता था. कई बार हैंडपंप खराब हो जाने के कारण बिना पानी के ही रहने पड़ता था.''

उन्होंने कहा कि एक दिन जब हैंडपंप खराब होने के चलते पत्नी सुशीला बिना पानी के लौटी और उसने मुझे बताया, तो पत्नी की इसी परेशानी को देखते हुए मैंने अपने घर पर ही कुआं खोदने की ठान ली. सिंह ने बताया, ‘‘शुरुआत में तो मेरी पत्नी ने मुझे उलाहना देते हुए कहा कि यह संभव नहीं है, तुम कुआं नहीं खोद सकते और उसका यही उलाहना मेरे लिए प्रेरणादायी बना और मैंने घर में ही करीब ढाई महीने पहले कुआं खोदने की शुरुआत की.''

उन्होंने कहा कि 15 दिन की लगातार कड़ी मेहनत के बाद मैंने छह फीट व्यास वाला गोल 31 फीट गहरा कुआं खोद दिया और इस कुएं को ईंट, सीमेंट एवं रेत से पक्का भी कर दिया. उन्होंने कहा कि इस कुएं को बने हुए अब करीब दो माह हो गये हैं. सिंह ने बताया, ‘‘कुआं बनने से इससे मिलने वाले पानी से न केवल हमारी पेयजल की समस्या दूर हुई, बल्कि आधा बीघा जमीन की सिंचाई करने की व्यवस्था भी हो गयी.'' उन्होंने कहा कि मैं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हूं और मेरे परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी एवं एक बच्चा सहित चार लोग हैं. मेरा परिवार झोपड़ी में रहता है और गरीबी रेखा से नीचे आता है. सिंह ने बताया कि मेरे द्वारा पूरे प्रयास करने के बाद भी मेरे परिवार को राशन कार्ड अब तक नहीं मिला है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

गुना जिले के कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने भी भरत सिंह द्वारा 15 दिन में कुएं खोदे जाने के कार्य की तारीफ की है. पुरूषोत्तम ने जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उसके बेहतर जीवन के लिए उसे प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराएं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)