ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ (फाइल फोटो).
खास बातें
- सत्रह मार्च तक स्पीकर को इस्तीफों पर निर्णय लेना होगा
- सोलह मार्च को विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा
- स्पीकर के निर्णय लेते ही बीजेपी अगला कदम उठाएगी
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) पर संकट के बादल गहरे घने हो चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस (Congress) छोड़कर बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर ली है और उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress Government) का पतन तय हो चुका है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक नियमों के अनुसार त्यागपत्र पर निर्णय करने के लिए स्पीकर के पास सात दिनों का समय होता है. यानी सत्रह मार्च तक स्पीकर को इन इस्तीफों पर निर्णय करना है. राज्यपाल भी इसी के बाद दखल दे सकते हैं. इसके बाद ही बीजेपी अगला कदम उठाएगी.