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This Article is From Aug 25, 2014

गैर-इस्लामी है लव जिहाद, सियासी फायदे के लिये बनाया जा रहा मुद्दा : मुस्लिम धर्मगुरु

लखनऊ:

'लव जिहाद' के खिलाफ अभियान चलाने के मंसूबे पर बवाल मचने के बाद भाजपा के अपने कदम वापस खींचने लिए हैं। वहीं इस बीच मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा है कि मुल्क में विवाह के लिए हिन्दू धर्मावलम्बियों के धर्मान्तरण के लिए ऐसी कोई मुहिम नहीं चल रही है और भगवा दल ने सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह शिगूफा छोड़ा है।

दारुल उलूम देवबंद भी अपने कई फतवों में महज शादी के लिए मुस्लिम धर्म कुबूल करने को गलत ठहरा चुका है। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने कहा कि इस्लाम में 'लव जिहाद' जैसी कोई चीज नहीं है। इस्लाम किसी साजिश के तहत नहीं फैला। वह किसी को जबरन या भावनात्मक रूप से मजबूर करके धर्मान्तरित करने की इजाजत नहीं देता। ऐसे जिहाद की बातें सिर्फ नफरत फैलाने की साजिश का हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा कि 'लव जिहाद' का मुद्दा कोई नया नहीं है। इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने भी 'लव जिहाद' के शिगूफे के जरिये मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की थी। अब भाजपा इस मुद्दे को भुनाना चाहती है। हिन्दू और मुस्लिम कौमों को इसके खिलाफ खड़े होकर ऐसी साजिशों का जवाब देना चाहिए।

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने 'लव जिहाद' को तिल का ताड़ बनाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि जिहाद किसी नेक काम के लिए की जाने वाली जद्दोजहद को कहा जाता है और 'लव जिहाद' जैसी कोई भी चीज गैर-इस्लामी और निंदा के योग्य है। जिहाद को सांप्रदायिकता से जोड़कर देखना निकृष्ट मानसिकता का प्रतीक है।

मौलाना फरंगी महली ने कहा, 'लव जिहाद जैसी कोई तहरीक (आंदोलन) मुसलमानों की तरफ से नहीं चल रही है। शादी के लिए धर्मान्तरण के इक्का-दुक्का वाकयात हुए हैं, उससे पूरे समुदाय को कठघरे में खड़ा करना गलत है। 'लव जिहाद' एक झूठा प्रचार है। हम समझते हैं कि सियासी लाभ लेने के लिए इसे मुद्दा बनाया जा रहा है जो हिन्दुस्तान के सर्वधर्म समभाव को कमजोर करता है।' उन्होंने कहा, 'हम इस बात के खिलाफ हैं कि कोई मुस्लिम लड़का या लड़की किसी गैर मुस्लिम का धर्मान्तरण करवाकर उससे शादी करे।'

मौलाना की इस बात को प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद के कुछ फतवे भी मजबूती प्रदान करते हैं। दारुल उलूम देवबंद के दारुल इफ्ता विभाग द्वारा आठ मार्च 2012 तथा 22 मार्च 2012 को अलग-अलग प्रश्नकर्ताओं द्वारा पूछे गए सवालों पर दिए गए फतवों में महज शादी के लिए मुस्लिम धर्म कुबूल किए जाने को गलत बताते हुए कहा गया था कि ऐसी शादियां न करना ही बेहतर है।

इस बीच, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी कहा कि इस्लाम किसी को भी जबरन मुस्लिम बनाने को गलत मानता है लिहाजा अगर ऐसा हो रहा है तो गलत है और इस कृत्य को जिहाद के साथ जोड़ना गुनाह है। उन्होंने आरोप लगाया कि 'लव जिहाद' भाजपा का गढ़ा हुआ शब्द है और वह इस पर सियासत कर रही है।

गौरतलब है कि मथुरा में कल सम्पन्न भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में 'लव जिहाद' का मुद्दा उठाया गया था। पार्टी नेताओं ने मुस्लिम लड़के-लड़कियों द्वारा शादी के नाम पर दूसरे मजहब के युवक-युवतियों का धर्मान्तरण कराने की मुहिम चलने और प्रदेश सरकार पर उसे संरक्षण देने के आरोप लगाये थे। पार्टी ने हालांकि इसे अपने प्रस्ताव में शामिल नहीं किया है।

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