लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद का मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संसद की कार्यवाही को यथासंभव डिजिटल बनाने का प्रयास करेंगे.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद का मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संसद की कार्यवाही को यथासंभव डिजिटल बनाने का प्रयास करेंगे. लोकसभा अध्यक्ष ने मीडिया कर्मियों को लोक सभा कक्ष और दीर्घाओं में ले जाकर मानसून सत्र के लिए की गई व्यवस्था दिखायी . सत्र के दौरान सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए सीटों के बीच पारदर्शी पॉलिकार्बोनेट शीट लगाई गई हैं और सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है.

14 सितंबर से शुरू होने वाले मानसूत्र सत्र के बारे में चर्चा करते हुए बिरला ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष मानसून सत्र आयोजित करना एक चुनौती थी लेकिन यह ‘ऐतिहासिक' होगा . बिरला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ महामारी के दौरान मानसून सत्र आयोजित करना एक चुनौती थी लेकिन हमें संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करना होता है. हम चाहते हैं कि संसद लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह बने . '' उन्होंने कहा, ‘‘ यह सत्र ऐतिहासिक होगा क्योंकि यह कोविड-19 महामारी के दौरान आयोजित हो रहा है.

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हमारा प्रयास होगा कि महामारी के मद्देनजर सत्र का आयोजन दिशानिर्देशों के अनुरूप हो . '' बिरला ने कहा कि शून्यकाल आधे घंटे का होगा और कोई प्रश्नकाल नहीं होगा, हालांकि लिखित प्रश्न पूछे जा सकते हैं और उनका उत्तर मिलेगा . विपक्ष की उपाध्यक्ष पद का चुनाव कराने की मांग के बारे में पूछे जाने पर बिरला ने कहा कि उन्हें इसका चुनाव नहीं करना है और इस बारे में सदन और सरकार को निर्णय करना है. गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होगा और यह एक अक्तूबर को समाप्त होगा .

कोविड-19 के बीच आयोजित होने वाले इस सत्र के लिये सघन तैयारियां की जा रही है जिसमें सांसदों की जांच कराने से लेकर लोकसभा और राज्यसभा में दूरी बनाकर बैठने की व्यवस्था करना शामिल है. इसके लिये दो चैम्बरों और गैलरी का उपयोग किया जायेगा जहां सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. बिरला ने कहा कि 14 सितम्बर को लोक सभा की बैठक सुबह 9 बजे से अपराह्न 1 बजे तक होगी और 15 सितम्बर से 01 अक्तूबर तक बैठकें अपराह्न 3 से सांय 7 बजे तक होंगी . इस सत्र का आयोजन दोनों सभाओं के कक्षों में किया जाएगा . उन्होंने कहा कि लोक सभा कक्ष में 257 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी और 172 सदस्य लोक सभा की दीर्घाओं में बैठेंगे .

राज्य सभा कक्ष में 60 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है और 51 सदस्य राज्य सभा की दीर्घाओं में बैठेंगे . लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सभा पटल पर रखे जाएंगे और शून्य काल का प्रतिदिन आधे घंटे का समय निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि कागजों का इस्तेमाल कम किया जाएगा और संसदीय पत्र भी डिजीटल रुप में उपलब्ध कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं . केन्द्रीय कक्ष में केवल सदस्य प्रवेश करेंगे . बिरला ने बताया कि सभी सांसदों से सत्र से पहले कोविड-19 की जांच करवाने का अनुरोध किया गया है .

संसद भवन परिसर में सदस्यों की उपस्थिति दर्शाने के लिए एक मोबाईल उपस्थिति एप ‘अटेन्डेंस रिजस्टर' तैयार किया गया है. सकारात्मक वाद विवाद को संसदीय लोकतंत्र का अभिन्न अंग बताते हुए बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि जिस प्रकार सभी सांसदों ने कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में लोगों को राहत और सहायता पहुंचाई है, उसी प्रकार वे जन कल्याण सुनिश्चित करने के लिए और राष्ट्रहित में अपने सामूहिक विधायी दायित्वों को भी सार्थक ढंग से निभाएंगे . उन्होंने कहा कि चैम्बरों को कीटाणुमुक्त बनाया जायेगा और सांसदों को सत्र शुरू होने से पहले कोविड-19 के लिये आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी

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