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This Article is From May 07, 2015

जुवेनाइल जस्टिस एक्‍ट लोकसभा में पारित

जुवेनाइल जस्टिस एक्‍ट लोकसभा में पारित
नई दिल्‍ली: लोकसभा में गुरुवार को किशोर न्याय (संशोधन) विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक के साथ जघन्य अपराध करने वाले 16-18 आयुवर्ग के बच्चों पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाए जाने के प्रावधान का रास्ता साफ होगा।

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) विधेयक, 2014 संशोधन, मौजूदा किशोर न्याय अधिनियम, 2000 की जगह लेगा। नए विधेयक में छोटे, गंभीर और जघन्य अपराधों को स्पष्ट तौर पर परिभाषित और श्रेणीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही हर श्रेणी के अपराध के लिए विभेदित प्रक्रियाओं को भी परिभाषित किया गया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अगस्त 2014 में लोकसभा में किशोर न्याय (देखभाल एवं संरक्षण) विधेयक, 2014 पेश किया किया था। विधेयक को एक स्थाई समिति को भेज दिया गया था, जिसने कानूनी तौर पर किशोर की उम्र 18 वर्ष रखने की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए, जघन्य मामलों में किशोर की उम्र घटाकर 16 साल करने का फैसला किया था।

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