14 सितंबर यानी सोमवार से संसद (Parliament) का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू हो रहा है. इससे पहले, रविवार को लोकसभा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई. बैठक के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बयान में कहा कि सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा हुई. सभी दलों के नेताओं ने अपने संवैधानिक दायित्व को निभाने का संकल्प लिया है. आम जनता की अपेक्षा और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर सदन को चलाएंगे. सभी दलों के नेताओं ने सहयोग का आश्वासन दिया है.
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बयान में कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है. मंगलवार को एक और बीएसी की बैठक होगी.
बैठक में प्रहलाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल, अनुप्रिया पटेल, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, टीआर बालू, के सुरेश, पिनाकी मिश्रा और राम मोहन नायडू शामिल हुए.
तमिलनाडु से सांसद वसंत कुमार के निधन और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन को लेकर के बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की ओर से लोकसभा को 1 दिन स्थगित करने की मांग की गई.
कहा जा रहा था कि आज की बैठक में प्रश्नकाल (Question Hour) हटाने और शून्यकाल के समय को कम करने का मुद्दा उठ सकता है. हालांकि, इस मुद्दे पर बातचीत हुई या नहीं इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है. सरकार का प्रश्नकाल को लेकर रुख स्पष्ट है और वह इसे बहाल करने के पक्ष में नहीं है जबकि विपक्षी पार्टियों के सांसद इसकी आलोचना कर रहे हैं. शून्यकाल के समय को 30 मिनट तक सीमित कर दिया गया है.
कोरोना महामारी से पैदा हुए संकट के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस बार के मानसूत्र सत्र में प्रश्नकाल को जगह नहीं दी गई है. सरकार ने प्रश्नकाल हटाए जाने की वजह बताई थी, जिसके अनुसार प्रश्नकाल के लिए बड़ी संख्या में अधिकारी मंत्रियों को सवालों से जुड़ी जानकारियां देने के लिए आते हैं. कोरोना संकट के दौरान लोगों की आवाजाही को कम करने के लिए इस कदम को उठाया गया है.
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