दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर आज फिर प्रवासी मजदूरों की भीड़ लगी है. इन मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया जा रहा है. बसों की इंतजार में महिलाएं भी सुबह से अपने बच्चों के साथ बैठी हुई हैं. ऐसी ही एक महिला ने बताया कि वह सुबह 6 बजे से यहां बैठी हुई है. उसे हरदोई जाना है. उसका कहना है, अगर पर्याप्त बसों का इंतजाम नहीं हो पा रहा है तो पैदल ही घर जाने की इजाजत दी जाए.' आपको बता दें कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूर कभी न कभी इस आस में पहुंच ही जाते हैं कि उन्हें वहां से कोई न साधन मिल ही जाएगा. लेकिन औरैया में हुए एक्सीडेंट के बाद से यूपी सरकार ने ट्रकों में बैठकर आने वाले प्रवासियों पर रोक लगा दी है.
Delhi: Large number of migrant labourers reach Delhi-Ghazipur (UP) border. Buses are being arranged to take them to their native places. A labourer (pic 4) says, "I've to go to Hardoi (UP). We've been sitting here since 6 AM. If there are not enough buses, then let us walk home." pic.twitter.com/W0MZKGKW64
— ANI (@ANI) May 18, 2020
इसके साथ ही सख्त हिदायत जारी की गई है कि अगर कोई प्रवासी पैदल जाता दिखाई देते तो उस इलाके के पुलिस अधिकारी उनके लिए वाहन की व्यवस्था करें. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से होकर ही दिल्ली-एनसीआर के प्रवासी बिहार-झारखंड की ओर जा रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर रहे हैं तो बिहार के सीएम से खुश नहीं है.
वहीं दूसरी ओर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था ऐसी बनाई गई है कि इसमें ज्यादातर लोगों को नंबर नहीं आ पा रहा है. ऐसे में मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया है क्योंकि न तो उनके खाने के लिए पैसे बचे हैं और न किराए के. इसलिए वे पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं.
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