नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी हमलों को अंजाम देने की कथित साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध हिजबुल आतंकवादी लियाकत शाह को आज यहां एनआईए की विशेष अदालत ने जमानत प्रदान कर दी।
जिला न्यायाधीश आईएस मेहता ने 20 हजार रुपये के निजी मुचलके तथा इतनी ही राशि की जमानत देने पर लियाकत को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।
अदालत ने लियाकत को जमानत प्रदान करते हुए कई शर्तें लगायी हैं और उन्हें अदालत की पूर्वानुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश दिया है।
45वर्षीय लियाकत को उनके परिवार के साथ 20 मार्च को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारत-नेपाल सीमा पार करते समय गिरफ्तार किया गया था। लियाकत का कहना था कि वह जम्मू-कश्मीर सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने के लिए आया था।
सीमा पार करने के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार करने वाली दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि लियाकत राष्ट्रीय राजधानी में होली से पूर्व आतंकवादी हमले करने की साजिश में शामिल था।
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से लियाकत की गिरफ्तारी को लेकर विरोधाभासी बयान आने के बाद गृह मंत्रालय ने 28 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर यह मामला एनआईए को सौंप दिया था।
जिला न्यायाधीश आईएस मेहता ने 20 हजार रुपये के निजी मुचलके तथा इतनी ही राशि की जमानत देने पर लियाकत को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।
अदालत ने लियाकत को जमानत प्रदान करते हुए कई शर्तें लगायी हैं और उन्हें अदालत की पूर्वानुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश दिया है।
45वर्षीय लियाकत को उनके परिवार के साथ 20 मार्च को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारत-नेपाल सीमा पार करते समय गिरफ्तार किया गया था। लियाकत का कहना था कि वह जम्मू-कश्मीर सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने के लिए आया था।
सीमा पार करने के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार करने वाली दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि लियाकत राष्ट्रीय राजधानी में होली से पूर्व आतंकवादी हमले करने की साजिश में शामिल था।
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से लियाकत की गिरफ्तारी को लेकर विरोधाभासी बयान आने के बाद गृह मंत्रालय ने 28 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर यह मामला एनआईए को सौंप दिया था।
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