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This Article is From Apr 03, 2017

यूपी की राह चली झारखंड सरकार, बंद कराए अवैध बूचड़खाने और सड़क के किनारे शराब के ठेके

यूपी की राह चली झारखंड सरकार, बंद कराए अवैध बूचड़खाने और सड़क के किनारे शराब के ठेके
सरकार ने राजमार्गों के किनारे करीब 700 शराब की दुकानें बंद करा दी हैं (प्रतीकात्मक चित्र)
रांची: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा अवैध बूचड़खानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का असर बीजेपी शासित अन्य राज्यों में भी दिखना शुरू हो गया है. यूपी सरकार की राह पर चलते हुए झारखंड सरकार ने भी राज्य में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार ने नेशनल हाईवे के किनारे बनी शराब की दुकानों को भी बंद करवाना शुरू कर दिया है.

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में सभी शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन कस्बों की आबादी 20,000 या उससे कम है, वहां राजमार्गों के दोनों तरफ 220 मीटर के दायरे में शराब की दुकानें नहीं होंगी.

इस आदेश के सप्ताहभर के भीतर झारखंड में लगभग 700 शराब दुकानें बंद कराई जा चुकी हैं. उत्पाद कर विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, लगभग 700 शराब दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है. अभियान एक अप्रैल से शुरू हुआ है. 150 से अधिक दुकानें सील कर दी गई हैं, जबकि सैकड़ों दुकानों को नोटिस जारी किया गया है.

रांची में अल्बर्ट एक्का चौक, रातू रोड तथा अन्य जगहों पर कई दुकानें बंद कराई गई हैं. झारखंड में निजी ठेकेदारों द्वारा शराब की बिक्री 31 जुलाई से बंद हो जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि ज्यादा से ज्यादा राजस्व संग्रह के लिए एक अगस्त से राज्य में शराब की बिक्री झारखंड बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से होगी.

शराब के साथ प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई में मांस की 800 से अधिक दुकानों को बंद करवाया गया है. रांची में मांस की 57 लाइसेंसी दुकानें हैं, लेकिन एक भी बूचड़खाना वैध नहीं है. रांची नगर निगम एक बूचड़खाने का निर्माण कर रहा है.

सूबे की सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए 72 घंटों का वक्त दिया था, जबकि 300 से अधिक अवैध बूचड़खाने तथा मांस की दुकानें सील कर दी गई हैं.

 

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