नासिक: 'भारत माता की जय' नारे पर अपने विवादित बयान के बाद महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया है कि उनका विरोध सिर्फ उन लोगों के खिलाफ है जो इस नारे के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि 'हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है कि कौन जय हिंद या जय भारत या जय हिंदुस्तान बोल रहा है लेकिन हमें उनसे आपत्ति है जो कहते हैं कि हम भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। तुष्टिकरण की भी एक सीमा होती है।'
राष्ट्रीयता की भावना पर जो़र देते हुए महाराष्ट्र के सीएम ने कहा 'यह सिर्फ नारे की बात नहीं है, यह उन लाखों स्वतंत्रता सैनानियों के बारे में है जिन्होंने भारत माता की जय बोलते हुए देश के लिए अपनी जान दे दी।' उन्होंने कहा कि नारे का किसी भी धर्म से लेना देना नहीं है और जो इसका विरोध कर रहे हैं, दरअसल यह वह लोग हैं जो अपने निजी हितों के लिए देश में फूट पैदा करना चाहते हैं।
किस बात पर हुआ विवाद
बता दें कि फडणवीस द्वारा नासिक में बोली गई उस बात से विवाद खड़ा हो गया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत माता का नारा नहीं लगाने वाले को देश में रहने का अधिकार नहीं है। दरअसल कुछ दिन पहले इस्लामी तालीम देने वाली संस्था दारुल-उलूम देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा था कि मुसलमानों के लिए भारत माता की जय बोलना उचित नहीं है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने नासिक में आयोजित बीजेपी कार्यकर्ताओं की रैली में कहा था कि इस देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि भारत माता की जय बोलना चाहिए और जो भारत माता के सम्मान में यह नहीं बोल सकते उन्हें यह देश छोड़कर चले जाना चाहिए।
पिछले महीने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि युवाओं को देश के समर्थन में नारे लगाने की सीख दी जानी चाहिए। जेएनयू विवाद पर बात करते हुए भागवत ने कहा था कि अब ऐसा वक्त है जब हमें अपनी अगली पीढ़ी को भारत माता की जय नारे लगाने के लिए बोलना पड़ता है। इस पर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि अगर उनकी गर्दन पर चाकू भी रख दिया जाए तब भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे।