ठंडे मौसम में उड़ान के लिए लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर का टेस्ट लेह में हुआ। ट्रायल में इंजन से लेकर बैटरी तक का टेस्ट हुआ वह भी तीन किलोमीटर और चार किलोमीटर की ऊंचाई पर।
एचएएल के चेयरमेन टी सुर्वणा राजू ने कहा कि माइनस 18 डिग्री तक तापमान में और चार किलोमीटर ऊंचाई पर भी इंजन ने सही ढंग से काम किया। एलसीएच प्रोटोटाइप टीडी-2 को बंगलूरु से लेह मंगाया गया था। इस उड़ान में वायुसेना और थलसेना के पायलटों के साथ आरसीएमए और डीजीएक्यूए के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
एलसीएच टीडी -3 ने अपनी पहली उड़ान पिछले साल नंवबर में भरी और टीडी -4 की जल्द ही उड़ान भरने की संभावना है। उम्मीद है कि इसी साल के अंत तक इसे इनिशियल ऑपरेशनल क्लियरयंस मिल जाएगा।
बंगलूरु में हुए एयरो इंडिया के दौरान भी एलसीएच ने अपनी उड़ान से लाखों लोगों का दिल जीता था। आपको यह बता दें कि एलसीएच साढ़े पांच टन वजनी लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। इसमें दो शक्ति इंजन के साथ साथ एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर की कई तकनीकी खूबियां भी है। हेलीकॉप्टर दिन और रात के साथ साथ कम रोशनी में भी अपने लक्ष्य को साध सकता है। इसका डिजाइन इसे घातक और फुर्तिला बनाता है। इसमें रडार, लेजर मिसाइल वार्निंग सिस्टम जैसे अत्याधुनिक सिस्टम लगे है। इसकी पहले प्रोटोटाइप की उड़ान मई 2010 में हुई थी। वैसे दुनिया गिनती के ही देश है जो अपना लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाते है।
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