नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय से इस बारे में संवैधानिक स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि क्या दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पेश करने से पहले राज्य सरकार के लिए केंद्र की अनुमति लेनी जरूरी है।
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस मामले में किसी विवाद से बचने और पूर्ण स्पष्टता प्राप्त करने के लिए जंग ने 'अंतिम राय' के लिए इस मुद्दे को कानून मंत्रालय को भेज दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि विधेयक विधानसभा में पेश करने से पहले केंद्र से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है जबकि भाजपा और कांग्रेस का कहना है कि कामकाज के नियम, 2002 के तहत इसके लिए मंजूरी जरूरी है।
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि समान राय कि विधेयक को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के जरिये केंद्र को भेजना जरूरी है, मुख्यमंत्री का मानना है कि इसके विपरीत राज्य हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर कानूनी राय प्राप्त की है।
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा, 'भ्रष्टाचार से संघर्ष बहुत जरूरी है और इसलिए उपराज्यपाल का विचार भी मुख्यमंत्री के समान ही है कि सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार रोकने की जरूरत है। सवाल भारत के संविधान के तहत अधिदेश प्रक्रियाओं का पालन करने की जरूरत को लेकर है।'