अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आने से पहले जहां एक ओर राजधानी दिल्ली उनके स्वागत के लिए तैयार है, वहीं देश के कई शहरों में उनकी इस यात्रा के खिलाफ आज विरोध प्रदर्शन हुए। यह विरोध प्रदर्शन वामपंथी पार्टी सीपीएम और उसके सहयोगी दलों ने निकाले। दिल्ली में करीब पांच हज़ार लोगों ने मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक विरोध करते हुए मार्च निकाला।
वामपंथी दलों का कहना है कि अमेरिका भारत की आर्थिक, व्यापार, विदेश और रक्षा नीति में दखल दे रहा है और मोदी सरकार उसके साथ कई स्तर पर समझौते कर रही है।
सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि एक ओर अमेरिका एफडीआई और खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर दबाव डालकर भारत की आर्थिक नीतियों में हस्तक्षेप कर रहा है, वहीं दूसरी ओर परमाणु करार के तहत वह अमेरिकी कंपनियों के परमाणु रियक्टर बेचने के लिए भारत के परमाणु दायित्व अधिनियम को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
वहीं सीपीएमएल की नेता कविता कृष्णन कहती हैं, 'अमेरिका की नीतियां साम्राज्यवादी हैं और हम अमेरिकी राष्ट्रपति को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि बनाए जाने का विरोध करते हैं। अमेरिका पूरी दुनिया में दादागिरी कर रहा है, लेकिन हम इस दादागिरी में उसके शागिर्द नहीं हो सकते।
ओबामा के इस भारत दौरे के खिलाफ दिल्ली के अलावा तिरुवनंतपुरम, विशाखापट्टनम, कोलकाता और पटना में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं