जेएनयू चुनाव में सौरभ कुमार शर्मा की जीत पर एबीवीपी कार्यकर्ता जश्न मनाते हुए
नई दिल्ली:
दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक बार फिर लाल रंग लहराया है। सेंट्रल पैनल की चार सीटों में तीन पर लेफ्ट पार्टियों ने कब्जा जमा लिया, जबकि 14 साल बाद एक सीट पर एबीवीपी को जीत मिली है।
अध्यक्ष पद पर एआईएसएफ के कन्हैया कुमार ने जीत हासिल की है। आईसा उम्मीदवार शहला राशिद ने उपाध्यक्ष और रामा नागा ने महासचिव का पद हासिल किया है। संयुक्त सचिव बने हैं एबीवीपी के सौरभ कुमार शर्मा। अध्यक्ष पद पर एआईएसएफ़ को 1029 वोट, जबकि आईसा को 962 वोट मिले।
उपाध्यक्ष पद पर आईसा को 1387 वोट और दूसरे नंबर पर रही एबीवीपी को 1153 वोट मिले। महासचिव पद पर आईसा को 1159 वोट, दूसरे नंबर पर रही एबीवीपी को 946 वोट मिले। संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी को 1154 वोट जबकि दूसरे नंबर पर रही आईसा को 1126 वोट मिले।
इस बार के जेएनयू के नतीजों के आंकड़े से साफ है कि एबीवीपी ने हर सीट पर लेफ्ट को कड़ी चुनौती दी है और 14 साल बाद एक सीट जीतकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज़ कराई है। अलग-अलग विभागों के नतीजों में लेफ्ट का ही दबदबा है, लेकिन वहां भी एबीवीपी ने कड़ी टक्कर दी।
अध्यक्ष पद पर एआईएसएफ के कन्हैया कुमार ने जीत हासिल की है। आईसा उम्मीदवार शहला राशिद ने उपाध्यक्ष और रामा नागा ने महासचिव का पद हासिल किया है। संयुक्त सचिव बने हैं एबीवीपी के सौरभ कुमार शर्मा। अध्यक्ष पद पर एआईएसएफ़ को 1029 वोट, जबकि आईसा को 962 वोट मिले।
उपाध्यक्ष पद पर आईसा को 1387 वोट और दूसरे नंबर पर रही एबीवीपी को 1153 वोट मिले। महासचिव पद पर आईसा को 1159 वोट, दूसरे नंबर पर रही एबीवीपी को 946 वोट मिले। संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी को 1154 वोट जबकि दूसरे नंबर पर रही आईसा को 1126 वोट मिले।
इस बार के जेएनयू के नतीजों के आंकड़े से साफ है कि एबीवीपी ने हर सीट पर लेफ्ट को कड़ी चुनौती दी है और 14 साल बाद एक सीट जीतकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज़ कराई है। अलग-अलग विभागों के नतीजों में लेफ्ट का ही दबदबा है, लेकिन वहां भी एबीवीपी ने कड़ी टक्कर दी।
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