चर्चा में आए यूपी के बुजुर्ग टाइपिस्ट परेशान हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जीपीओ के सामने फुटपाथ पर टाइपिंग का काम करने वाले यह बुजुर्ग पिछले दिनों रातोंरात चर्चा में आ गए थे जब उन्हें टाइपराइट को लात मारने वाले पुलिसवाले की इस घटना को बयां करती तस्वीर वायरल हो गई थी।
इन बुजुर्ग ने कहा है कि वह रातोंरात मिली इस अंटेशन से थक गए हैं और चिट्ठियां टाइप करने के काम पर वापस जाना चाहते हैं। पुलिस कर्मी की इन किशन कुमार नामक बुजुर्ग को परेशान करती वह तस्वीर देशभर में फैल गई थी और इसके बाद सब ओर से सहानुभूति जताई जा रही थी। वहीं जब सीएम अखिलेश यादव की नजर इन तस्वीरों पर पड़ी तो उन्होंने दोषी पुलिसवाले को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का निर्देश दिया। वहीं सरकार की तरफ से उस बुजुर्ग को नया टाइपराइटर भी दिया गया और 10 हजार रुपए भी मुआवजे के तौर पर दिए गए।
60 साल से ऊपर के किशन कुमार को अपनी सही सही उम्र तो नहीं पता पर वह कहते हैं कि वह इस सिलेब्रिटी स्टेटस से थक गए हैं। वह इस चक्कर में अपना काम तक नहीं कर पा रहे हैं। वह बोले, इतने सारे लोग आसपास होते हैं, मैं कुछ काम नहीं कर पा रहा हूं। मैंने पिछले दो दिनों में 1 पैसा नहीं कमाया है।
वह बोले, मैं अगर कमाऊंगा नहीं तो मेरा परिवार क्या खाएगा? मैं यहां काम करने आता हूं मीडिया को इंटरव्यू देने नहीं। शनिवार को उन्हें किसी ने धमकाया भी था। इसके अलावा उनके शुभचिंतकों ने जो वादे किए गए थे पैसे देने के, वे भी पूरे नहीं हुए। उन्होंने बताया कि मेरे से लोगों ने बैंक डीटेल तो मांगी लेकिन अब तक किसी ने अकाउंट में पैसे डाले नहीं है।
इन बुजुर्ग ने कहा है कि वह रातोंरात मिली इस अंटेशन से थक गए हैं और चिट्ठियां टाइप करने के काम पर वापस जाना चाहते हैं। पुलिस कर्मी की इन किशन कुमार नामक बुजुर्ग को परेशान करती वह तस्वीर देशभर में फैल गई थी और इसके बाद सब ओर से सहानुभूति जताई जा रही थी। वहीं जब सीएम अखिलेश यादव की नजर इन तस्वीरों पर पड़ी तो उन्होंने दोषी पुलिसवाले को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का निर्देश दिया। वहीं सरकार की तरफ से उस बुजुर्ग को नया टाइपराइटर भी दिया गया और 10 हजार रुपए भी मुआवजे के तौर पर दिए गए।
60 साल से ऊपर के किशन कुमार को अपनी सही सही उम्र तो नहीं पता पर वह कहते हैं कि वह इस सिलेब्रिटी स्टेटस से थक गए हैं। वह इस चक्कर में अपना काम तक नहीं कर पा रहे हैं। वह बोले, इतने सारे लोग आसपास होते हैं, मैं कुछ काम नहीं कर पा रहा हूं। मैंने पिछले दो दिनों में 1 पैसा नहीं कमाया है।
वह बोले, मैं अगर कमाऊंगा नहीं तो मेरा परिवार क्या खाएगा? मैं यहां काम करने आता हूं मीडिया को इंटरव्यू देने नहीं। शनिवार को उन्हें किसी ने धमकाया भी था। इसके अलावा उनके शुभचिंतकों ने जो वादे किए गए थे पैसे देने के, वे भी पूरे नहीं हुए। उन्होंने बताया कि मेरे से लोगों ने बैंक डीटेल तो मांगी लेकिन अब तक किसी ने अकाउंट में पैसे डाले नहीं है।