यशपाल सिंह (बाएं) और विक्रम सिंह चौहान को पत्रकारों को पीटते हुए कैमरे में देखा गया था
नई दिल्ली:
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पत्रकारों, जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर हमला करते कैमरे में दिखे वकीलों में से एक यशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह गिरफ्तारी हमले में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस की कथित निष्क्रियता को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच की है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यशपाल सिंह को हमले के दो मामलों के सिलसिले में उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह अपने खिलाफ जारी समन का पालन करते हुए तिलक मार्ग थाने में जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुआ। यशपाल सिंह को पत्रकारों और जेएनयू छात्रों और शिक्षकों की पिटाई करते हुए उसके साथी विक्रम सिंह चौहान और ओम शर्मा समेत अन्य के साथ कैमरे में कैद किया गया था।
ओम शर्मा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। चौहान ने दो हमलों का नेतृत्व किया था। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कई नोटिस जारी किए हैं, लेकिन वह जांच में शामिल होने के लिए पुलिस के समक्ष अब तक उपस्थित नहीं हुआ है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने इस बात पर जोर दिया था कि इन लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी। बस्सी का बयान उस वक्त आया है जब एक टीवी चैनल पर एक स्टिंग प्रसारित किया जिसमें इन वकीलों ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पटियाला हाउस परिसर में पुलिस लॉकअप में पीटने का दावा किया है।
एक समाचार चैनल की ओर से प्रसारित स्टिंग ऑपरेशन में पिछले सप्ताह कोर्ट में हुई हिंसा के मामले के आरोपी दो वकील जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार को जमकर पीटने का दावा करते दिख रहे हैं। स्टिंग में इन वकीलों ने दावा किया है कि जब कन्हैया पुलिस हिरासत में था तो इन्होंने उसकी तीन घंटे तक पिटाई की।
गुपचुप रूप से फिल्माए गए इस वीडियो को इंडिया टुडे चैनल पर सोमवार को प्रसारित किया गया। इसमें वकीलों को यह 'डींग' हांकते हुए देखा जा सकता है कि इन्होंने कन्हैया को इतनी जोर से मारा कि उसकी पैंट गीली हो गई। स्टिंग में इन वकीलों को यह कहते सुना जा सकता है कि उन्होंने छात्र नेता को भारत की प्रशंसा वाले नारे लगाने को मजबूर करने के बाद ही छोड़ा।
स्टिंग में वकील अगली बार 'बड़े हमले' की बात करते हुए भी दिख रहे हैं। इन वकीलों में से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे कोर्ट में जमानत लेने से इसलिए इनकार कर देंगे ताकि जेल जाकर कन्हैया की फिर से पिटाई कर सकें। (इनपुट भाषा से)
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यशपाल सिंह को हमले के दो मामलों के सिलसिले में उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह अपने खिलाफ जारी समन का पालन करते हुए तिलक मार्ग थाने में जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुआ। यशपाल सिंह को पत्रकारों और जेएनयू छात्रों और शिक्षकों की पिटाई करते हुए उसके साथी विक्रम सिंह चौहान और ओम शर्मा समेत अन्य के साथ कैमरे में कैद किया गया था।
ओम शर्मा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। चौहान ने दो हमलों का नेतृत्व किया था। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कई नोटिस जारी किए हैं, लेकिन वह जांच में शामिल होने के लिए पुलिस के समक्ष अब तक उपस्थित नहीं हुआ है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने इस बात पर जोर दिया था कि इन लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी। बस्सी का बयान उस वक्त आया है जब एक टीवी चैनल पर एक स्टिंग प्रसारित किया जिसमें इन वकीलों ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पटियाला हाउस परिसर में पुलिस लॉकअप में पीटने का दावा किया है।
एक समाचार चैनल की ओर से प्रसारित स्टिंग ऑपरेशन में पिछले सप्ताह कोर्ट में हुई हिंसा के मामले के आरोपी दो वकील जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार को जमकर पीटने का दावा करते दिख रहे हैं। स्टिंग में इन वकीलों ने दावा किया है कि जब कन्हैया पुलिस हिरासत में था तो इन्होंने उसकी तीन घंटे तक पिटाई की।
गुपचुप रूप से फिल्माए गए इस वीडियो को इंडिया टुडे चैनल पर सोमवार को प्रसारित किया गया। इसमें वकीलों को यह 'डींग' हांकते हुए देखा जा सकता है कि इन्होंने कन्हैया को इतनी जोर से मारा कि उसकी पैंट गीली हो गई। स्टिंग में इन वकीलों को यह कहते सुना जा सकता है कि उन्होंने छात्र नेता को भारत की प्रशंसा वाले नारे लगाने को मजबूर करने के बाद ही छोड़ा।
स्टिंग में वकील अगली बार 'बड़े हमले' की बात करते हुए भी दिख रहे हैं। इन वकीलों में से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे कोर्ट में जमानत लेने से इसलिए इनकार कर देंगे ताकि जेल जाकर कन्हैया की फिर से पिटाई कर सकें। (इनपुट भाषा से)
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