पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विधि आयोग ने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए साथ-साथ चुनाव 2019 से शुरू होकर दो चरणों में हो सकता है, बशर्ते संविधान के कम से कम दो प्रावधानों का संशोधन और उसकी बहुसंख्यक राज्यों द्वारा पुष्टि की जाए. आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी काफी समय से इसकी वकालत करते रहे हैं कि लोकसभा और राज्यसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं.
पूर्व सांसदों को मिलने वाली पेंशन और भत्तों के बारे में पूरी जानकारी
विधि आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधि कानून के कुछ प्रावधानों का संसद में सामान्य बहुमत से संशोधन भी करना होगा. आयोग ने साथ-साथ चुनाव कराने को लेकर अपने कार्यपत्र को मंगलवार को सार्वजनिक किया. आयोग ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले संवैधानिक विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के विचार मांगे हैं.
जिनकी रूचि अपने विचार रखने को लेकर है वे उसे आठ मई तक दे सकते हैं. कार्यपत्र के अनुसार साथ साथ चुनाव कराने का दूसरा चरण 2024 में हो सकता है. इसमें कहा गया है कि बहुसंख्यक पार्टी के नेता को सदन (लोकसभा या राज्य विधानसभा द्वारा) प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री चुना जाए जिससे सरकार के साथ ही लोकसभा या विधानसभा की स्थिरता सुनिश्चित हो.
...तो हमें एक साथ चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहीं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
कार्यपत्र में कदम को प्रभावी बनाने के लिए राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को विस्तारित करने के लिए संविधान: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल से संबंधित अनुच्छेद 83 (2) और 172 (1) और जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. इसमें सुझाव दिया गया है कि यदि कोई सरकार बीच में गिर जाती है तो नयी सरकार का कार्यकाल बाकी समय के लिए होगा और नये पांच वर्ष के लिए नहीं.
VIDEO: 2019 में क्या 272 पार कर पाएगी बीजेपी?
पूर्व सांसदों को मिलने वाली पेंशन और भत्तों के बारे में पूरी जानकारी
विधि आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधि कानून के कुछ प्रावधानों का संसद में सामान्य बहुमत से संशोधन भी करना होगा. आयोग ने साथ-साथ चुनाव कराने को लेकर अपने कार्यपत्र को मंगलवार को सार्वजनिक किया. आयोग ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले संवैधानिक विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के विचार मांगे हैं.
जिनकी रूचि अपने विचार रखने को लेकर है वे उसे आठ मई तक दे सकते हैं. कार्यपत्र के अनुसार साथ साथ चुनाव कराने का दूसरा चरण 2024 में हो सकता है. इसमें कहा गया है कि बहुसंख्यक पार्टी के नेता को सदन (लोकसभा या राज्य विधानसभा द्वारा) प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री चुना जाए जिससे सरकार के साथ ही लोकसभा या विधानसभा की स्थिरता सुनिश्चित हो.
...तो हमें एक साथ चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहीं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
कार्यपत्र में कदम को प्रभावी बनाने के लिए राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को विस्तारित करने के लिए संविधान: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल से संबंधित अनुच्छेद 83 (2) और 172 (1) और जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. इसमें सुझाव दिया गया है कि यदि कोई सरकार बीच में गिर जाती है तो नयी सरकार का कार्यकाल बाकी समय के लिए होगा और नये पांच वर्ष के लिए नहीं.
VIDEO: 2019 में क्या 272 पार कर पाएगी बीजेपी?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं