यह ख़बर 23 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कोर्ट के फैसले से भाजपा असंतुष्ट, कांग्रेस नहीं करेगी टिप्पणी

खास बातें

  • भाजपा ने कहा कि उस घटना में घायल हुए लोगों और मारी गई महिला के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवज़े की राशि का 25 प्रतिशत भुगतान रामदेव के न्यास को करने का आदेश भी एक तरह से जुर्माने के समान है।
नई दिल्ली:

भाजपा ने पिछले साल रामलीला मैदान में हुई घटना के लिए योग गुरु बाबा रामदेव और दिल्ली पुलिस दोनों को दोषी बताए जाने के उच्चतम न्यायालय के गुरुवार के फैसले से असहमति जताई। उसने यह भी कहा कि उस घटना में घायल हुए लोगों और मारी गई महिला के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवज़े की राशि का 25 प्रतिशत भुगतान रामदेव के न्यास को करने का आदेश भी एक तरह से जुर्माने के समान है। पार्टी ने हालांकि, इन दो बातों के अलावा अदालत के बाकी फैसले का पुरज़ोर स्वागत किया है।

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने पिछले साल चार-पांच जून की मध्यरात्रि में रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के कार्यक्रम में हुई पुलिस कार्रवाई पर शीर्ष अदालत के आज के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘हम यह कहने को बाध्य हैं कि न्यायालय के निर्णय में इन दो बातों से मामला कमजोर हुआ है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी अदालत के फैसले के उक्त दो पहलुओं से सहमत नहीं है, उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में अपनी बात कहने और असहमति जताने का अधिकार है।’

उन्होंने रामलीला मैदान की उस घटना में रामदेव और पुलिस दोनों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर पार्टी की असहमति के तर्क में रामदेव के आंदोलन की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आंदोलनों से तुलना की। जावडेकर ने कहा, ‘..ऐसे तो महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण सत्याग्रहों के लिए ब्रिटिश शासन ने उन पर जो जुल्म किए उसके लिए वह भी (गांधीजी) जिम्मेदार हैं।’ शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल रामलीला मैदान में हुई पुलिस कार्रवाई के लिए रामदेव और दिल्ली पुलिस दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। उसने उस घटना के दौरान हिंसात्मक व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों और रामदेव के समर्थकों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन का निर्देश दिया है।

भाजपा प्रवक्ता ने अदालत के फैसले के उन पहलुओं का स्वागत किया है जिसमें सोते हुए लोगों पर पुलिस कार्रवाई को ‘बर्बर, मानवाधिकारों का उल्लंघन और गैर-कानूनी’ बताया गया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘बाबा रामदेव के शांतिपूर्ण समर्थकों पर जिस तरह का हमला किया गया वह उच्च स्तरीय राजनीतिक मंजूरी के बिना संभव नहीं था। पुलिसकर्मियों को फटकार लगी लेकिन राजनीतिक जवाबदेही का क्या होगा।’

उन्होंने कहा कि भाजपा रामलीला मैदान में मध्यरात्रि को हुई उस बर्बर घटना के लिए केवल चिदंबरम या मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को ही जिम्मेदार नहीं मानती बल्कि सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री भी इसके लिए जवाबदेह हैं। शीर्ष अदालत के आज के फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि इससे यह बात उजागर हो गई है कि संप्रग सरकार उन लोगों के विरुद्ध ‘दमनकारी’ रवैया अपनाती है जो उसके भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हैं।

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उधर कांग्रेस ने रामलीला मैदान की घटना के लिए रामदेव को दोषी बताए जाने से भाजपा की असहमति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह अदालत के फैसले का अनादर कर रही है। उसने कहा कि मुख्य विपक्षी दल इस निर्णय को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर भाजपा शीर्ष अदालत के फैसले से सहमत नहीं है तो वह पुर्नीक्षा याचिका दाखिल कर सकती है। इस निर्णय पर कांग्रेस की राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘शीर्ष अदालत चाहे जो फैसला करे पार्टी उस पर टिप्पणी नहीं करती।’