सरकार ने कर्ज में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) की वित्तीय बोली की अंतिम प्रक्रिया शुरू कर दी है. विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि 15 सितंबर की अंतिम तारीख नहीं बदली जाएगी. सरकार ने पहले 2018 में एयर इंडिया ( Air India) में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी की थी, लेकिन उसे इसके लिए कोई खरीदार ही नहीं मिला और फिर इसे पूरी तरह बेच देने की कवायद शुरू की गई.
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माना जा रहा है कि 15 सितंबर को अंतिम समयसीमा तक दो संभावित खरीदारों ने अपनी निविदा (financial bids ) दाखिल की है. इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के अनुसार, टाटा समूह (Tata Group) द्वारा अपनी होल्डिंग कंपनी और स्पाइसजेट चेयरमैन अजय सिंह (SpiceJet chairman Ajay Singh) अपनी निजी क्षमता के आधार पर वित्तीय बोली लगाने वाले हैं. वहीं नाम न बताने की शर्त पर सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस बारे हमें पूरी उम्मीद है कि एयर इंडिया को नया खरीदार मिल जाएगा.
Air India एयर इंडिया पर 43 हजार करोड़ रुपये का भारीभरकम कर्ज है. इसमें से 22 हजार करोड़ रुपये एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि एयर इंडिया पर 43 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और यह पूरा ऋण सरकारी गारंटी पर है. एयरलाइन का स्वामित्व नई कंपनी को देने के पहले सरकार इस कर्ज को वहन करेगी.
हालांकि सरकार ने एयर इंडिया की बिक्री से जुड़ी किसी प्रगति का कोई ब्योरा साझा करने से इनकार किया है. केंद्र सरकार ने एयर इंडिया और उसकी सहायक एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की योजना पर काम कर रही है. साथ ही ग्राउंड हैडलिंग कंपनी एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में भी 50 फीसदी विनिवेश की योजना है. मुंबई में एयर इंडिया बिल्डिंग और दिल्ली में एय़रलाइंस हाउस की भी बिक्री की योजना है.
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