उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए यह खबर राहत भरी है. एयर इंडिया (Air India) ने अगस्त माह की शुरुआत से अमेरिका के लिए अपनी फ्लाइट्स की फ्रिक्वेंसी बढ़ाने का ऐलान किया है. कई स्टूडेंट्स की ओर से सोशल मीडिया पर, उनकी फ्लाइट को बिना किसी पूर्व जानकारी के एयर इंडिया की ओर से रीशेड्यूल किए जाने की ओर ध्यान दिलाए जाने के बाद यह कदम सामने आया है. इस मुद्दे पर NDTV की पूछताछ पर प्रतिक्रिया देते हुए एयर इंडिया ने कहा, 'कोरोना के केसों में आए हाल के उछाल और अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत से आने वाली फ्लाइट्स की संख्या को सीमित करने के ऐलान के मद्देनजर हमें अपनी अमेरिका की कुछ फ्लाइट, जिसमें मुंबई और नेवार्क के बीच की फ्लाइट शामिल हैं, को कैंसल करना पड़ा था. यात्रियों को इस कैंसलेशन के बारे में पहले ही बता दिया गया था और यह स्थितियां हमारे नियंत्रण के बाहर थीं.'
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अमेरिका के लिए फ्लाइट्स की फ्रिक्वेंसी (आवृत्ति) बढ़ाने के योजना के बारे में बात करते हुए एयर इंडिया की ओर से कहा गया है, 'राष्ट्रपति की घोषणा से पहले हम अमेरिका के लिए लगभग 40 उड़ानें संचालित करते थे. हम जुलाई 2021 से अमेरिका के लिए 11 फ्लाइट्स प्रति सप्ताह ऑपरेट कर पाए थे जिसकी फ्रिक्वेंसी 7 अगस्त 2021 से बढ़ाकर 22 की जा रही है.हमारी कोशिश है कि अगस्त से अमेरिका जाने वाले फ्लाइट्स में अधिक से अधिक समायोजित किया जाए.' इससे पहले NDTV ने उन स्टूडेंट्स से भी बात की जिन्हें इस अगस्त में अमेरिका रवाना होना था लेकिन उनकी एयर इंडिया फ्लाइट को रीशेड्यूल किए जाने के बारे में सूचना मिली है.
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के परिचालन पर लगे प्रतिबंध को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है. यह जानकारी विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को दी. कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं निलंबित हैं, लेकिन मई 2020 से वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन हो रहा है और जुलाई 2020 से कुछ देशों के साथ ‘एयर बबल' (द्विपक्षीय विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ान) समझौता के तहत भी उड़ान परिचालित किए जा रहे हैं.भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस सहित करीब 24 देशों के साथ ‘एयर बबल' समझौता किया है. (भाषा से भी इनपुट)
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