
प्रतीकात्मक फोटो
श्रीनगर:
एक मां की भावुक अपील पर आतंकी बेटे का दिल पिघल गया और उसने आत्मसमर्पण कर दिया. यह कश्मीरी युवक पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था.
यह घटना कल देर रात सोपोर के आंचलिक इलाके की है जब सेना ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से इलाके की घेराबंदी की. खुफिया सूत्रों ने एक मकान में आतंकवादी की मौजूदगी का संकेत दिया था. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छिपे आतंकी की पहचान उमक खालिक मीर उर्फ ‘समीर’ के तौर पर हुई जो उत्तरी कश्मीर में तुज्जार का रहने वाला है. जब युवक को बाहर निकालने के प्रयास बेकार साबित हुए तो उसके माता-पिता से उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी करने का अनुरोध किया गया.
युवक के माता पिता का मकान पांच किलोमीटर दूर था. उसकी मां तुरंत राजी हो गई और उस जगह पर आई जहां युवक छिपा था. उन्होंने बेटे को अपनी कसम दी क्योंकि सेना ने उन्हें आश्वासन दिया था कि युवक के आत्मसमर्पण करने पर वे नरम रख अपनाएंगे. अधिकारी ने कहा, ‘यह हमारे लिए बेचैन कर देने वाला क्षण था क्योंकि हम एक नागरिक के अलावा महिला के लिए कवच की तरह सुरक्षा दे रहे मेरे कुछ लड़कों की जान जोखिम में डाल रहे थे.’
मां को उस मकान के भीतर जाने और उसे अपने बेटे को आत्मसमर्पण के लिए राजी करने की अनुमति दी गई. काफी मनुहार के बाद मीर मकान से बाहर आया और उसने सेना के जवानों को एक एके राइफल, तीन मैगजीन, तीन हथगोले और एक रेडियो सेट सौंपा. 26 वर्षीय मीर इस साल मई से लापता था और वह लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह घटना कल देर रात सोपोर के आंचलिक इलाके की है जब सेना ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से इलाके की घेराबंदी की. खुफिया सूत्रों ने एक मकान में आतंकवादी की मौजूदगी का संकेत दिया था. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छिपे आतंकी की पहचान उमक खालिक मीर उर्फ ‘समीर’ के तौर पर हुई जो उत्तरी कश्मीर में तुज्जार का रहने वाला है. जब युवक को बाहर निकालने के प्रयास बेकार साबित हुए तो उसके माता-पिता से उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी करने का अनुरोध किया गया.
युवक के माता पिता का मकान पांच किलोमीटर दूर था. उसकी मां तुरंत राजी हो गई और उस जगह पर आई जहां युवक छिपा था. उन्होंने बेटे को अपनी कसम दी क्योंकि सेना ने उन्हें आश्वासन दिया था कि युवक के आत्मसमर्पण करने पर वे नरम रख अपनाएंगे. अधिकारी ने कहा, ‘यह हमारे लिए बेचैन कर देने वाला क्षण था क्योंकि हम एक नागरिक के अलावा महिला के लिए कवच की तरह सुरक्षा दे रहे मेरे कुछ लड़कों की जान जोखिम में डाल रहे थे.’
मां को उस मकान के भीतर जाने और उसे अपने बेटे को आत्मसमर्पण के लिए राजी करने की अनुमति दी गई. काफी मनुहार के बाद मीर मकान से बाहर आया और उसने सेना के जवानों को एक एके राइफल, तीन मैगजीन, तीन हथगोले और एक रेडियो सेट सौंपा. 26 वर्षीय मीर इस साल मई से लापता था और वह लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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