रांची:
चारा घोटाले के 54 में से 41 मामलों की सुनवाई पूरी हो चुकी है और उनमें फैसले सुनाए जा चुके हैं और अब बारी वीआईपी मुकदमों की है जिनमें मुख्य आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लाल प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत कई दिग्गज हैं।
इसी कड़ी में लालू और मिश्र समेत कई दिग्गज नेताओं की गवाही सीबीआई की विशेष अदालत में 14 फरवरी को कलमबद्ध की जाएगी। मामला चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख 39 हजार 743 रुपये की अवैध निकासी का है। यह निकासी 1994 से 95 के बीच की गई थी।
इस मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र, आरके राणा, विद्यासागर निषाद और आईएएस अधिकारी सजल चक्रवर्ती के बयान 14 फरवरी से रांची की सीबीआई अदालत में दर्ज होंगे। वहीं, जगदीश शर्मा व आईएएस महेश प्रसाद के बयान 13 फरवरी को दर्ज होंगे।
बयान सीबीआई रांची के विशेष न्यायाधीश जीके सिंह की अदालत में सीआरपीसी के तहत दर्ज होंगे। इसमें सभी आरोपियों को स्वयं उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने होंगे। इसी मामले में लालू प्रसाद ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उन्हें अस्थाई जेल में रखा गया था।
मामले में कुल 46 अभियुक्त हैं। 56 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था जिसमें सात का निधन हो गया और दो सरकारी गवाह बन गए। वहीं एक ने दोष स्वीकार कर लिया।
अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जिस दिन आरोपियों का बयान होगा उसी दिन बचाव पक्ष की ओर से गवाह का नाम देना होगा।
इसी कड़ी में लालू और मिश्र समेत कई दिग्गज नेताओं की गवाही सीबीआई की विशेष अदालत में 14 फरवरी को कलमबद्ध की जाएगी। मामला चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख 39 हजार 743 रुपये की अवैध निकासी का है। यह निकासी 1994 से 95 के बीच की गई थी।
इस मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र, आरके राणा, विद्यासागर निषाद और आईएएस अधिकारी सजल चक्रवर्ती के बयान 14 फरवरी से रांची की सीबीआई अदालत में दर्ज होंगे। वहीं, जगदीश शर्मा व आईएएस महेश प्रसाद के बयान 13 फरवरी को दर्ज होंगे।
बयान सीबीआई रांची के विशेष न्यायाधीश जीके सिंह की अदालत में सीआरपीसी के तहत दर्ज होंगे। इसमें सभी आरोपियों को स्वयं उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने होंगे। इसी मामले में लालू प्रसाद ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उन्हें अस्थाई जेल में रखा गया था।
मामले में कुल 46 अभियुक्त हैं। 56 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था जिसमें सात का निधन हो गया और दो सरकारी गवाह बन गए। वहीं एक ने दोष स्वीकार कर लिया।
अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जिस दिन आरोपियों का बयान होगा उसी दिन बचाव पक्ष की ओर से गवाह का नाम देना होगा।
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