ललित मोदी (Lalit Modi) पारिवारिक संपत्ति विवाद का निपटारा अदालत से बाहर करने की कवायद शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किए हैं. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस कूरियन जोसेफ मध्यस्थता करेंगे. हैदराबाद मध्यस्थता केंद्र में मध्यस्थता की जाएगी. पक्षकार चाहें तो वर्चुअल तरीका भी अपना सकते हैं . सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता की कार्यवाही गोपनीय रहेगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और उनके भाई और बहन के बीच चल रहे संपत्ति विवाद को भारत में ही मध्यस्थता कर सुलझाने की पेशकश की थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि सिंगापुर की बजाए भारत में ही मध्यस्थता तक विवाद को सुलझाया जाए. दरअसल, ललित मोदी ने परिवार में संपत्ति विवाद को लेकर सिंगापुर में मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू की थी. इसका ललित मोदी की मां बीना मोदी, उनकी बहन चारू और भाई समीरस ने विरोध किया था. उन्होंने कार्यवाही को रोकने के लिए एक वाद दायर किया था. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने व्यवसायी ललित मोदी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि आप सब परिवार के सदस्य हैं.
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परिवार के सदस्य होने के नाते, भारत में मध्यस्थता या मध्यस्थता के लिए सहमत हो सकते हैं. हरीश साल्वे और कपिल सिब्बल दोनों मध्यस्थता के लिए स्थान पर फैसला करने के लिए तैयार हो गए हैं. दरअसल हैदराबाद स्थित अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र का शुभारंभ पिछले हफ्ते CJI रमना ने ही किया था . ललित मोदी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उनकी मां और भाई-बहनों द्वारा उनके खिलाफ दायर मध्यस्थता निषेधाज्ञा सूट को बरकरार रखा गया था
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