लखीमपुर खीरी कांड की न्यायिक जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज करेंगे

बता दें कि प्रियंका और राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, चरणजीत चन्नी, दीपेंद्र हुड्डा, केसी वेणुगोपाल समेत कई नेता शामिल थे.

नई दिल्ली:

लखीमपुर खीरी कांड की न्यायिक जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव करेंगे.वह दो महीने में इस पर जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. दरअसल, सरकार ने किसानों से इस घटना की न्यायिक जांच का वादा किया था. इस मामले पर पिछले कुछ दिनों से यूपी में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. बुधवार को प्रियंका और राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद राहुल ने ट्वीट किया था कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह चलता रहेगा. राहुल गांधी पहले  लवप्रीत के परिजनों से मिले, फिर वो पत्रकार रमन कश्यम के घर भी पहुंचे. इसके बाद राहुल और प्रियंका नछत्तर सिंह के परिवार वालों से भी मिले. इस दौरान दोनों ने पीड़ितों के साथ होने का भरोसा दिया और कहा कि वो उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे. प्रियंका गांधी ने कहा कि इंसाफ़ तभी मिलेगा जब आरोपियों की गिरफ़्तारी होगी. राहुल और प्रियंका गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला कई नेता भी लखीमपुर पहुंचे थे.

लखीमपुर खीरी कांड से जुड़ा नया वीडियो आया सामने- देखें

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वहीं लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचले जाने का नया वीडियो सामने आया है. 45 सेकेंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि काले झंडे लिए किसान सड़क पर आगे की ओर बढ़ रहे हैं और उसी दौरान थार गाड़ी काफी तेज स्पीड के साथ उन्हें रौंदते हुए निकल जाती है. हमला करने वाली गाड़ी के साथ काफिले में शामिल दो और गाड़ियां तेजी से निकलती हैं.  एक पल को आसपास खड़े लोग कुछ समझ ही नहीं पाते. इसके बाद माहौल में काफ़ी अफरातफरी दिखती है. कुछ लोग घायलों को उठाते नज़र आते हैं और कई लोग शोर मचाते हुए गाड़ियों के काफ़िले के पीछे दौड़ते हैं. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का आरोप है कि गाड़ियों के गुजरने के दौरान भीड़ की ओर से पत्थर फेंके गए और लाठियां चलाई गईं, जिसकी वजह से गाड़ियों का संतुलन बिगड़ा, लेकिन इस नए वीडियो से मंत्री जी के आरोपों की पुष्टि नहीं होती. साफ दिख रहा है  कि मरने वालों और घायलों के अलावा आसपास मौजूद लोगों को भी इतनी तेजी के साथ गाड़ी आने का पता ही नहीं चला और कम से कम इन तस्वीरों से मंत्री जी के आरोप साबित नहीं होते.