दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में 28 जनवरी को दिन दहाड़े करीब आठ करोड़ रुपये की सनसनीखेज लूट मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार व्यक्ति ही इस लूट का मुख्य षड्यंत्रकर्ता था और उसी ने लूट की योजना बनाई थी।
पुलिस ने बताया कि लूट में शामिल अजय (लगभग 20) नाम के व्यक्ति को आज सुबह गिरफ्तार किया गया। अजय उस नाबालिग का रिश्तेदार है जिसने कथित तौर पर इस लूट की साजिश रची। मामले में नाबालिग को पहले ही हिरासत में ले लिया जा चुका है जबकि तीन अन्य आरोपियों को चंडीगढ से गिरफ्तार किया गया।
व्यवसायी राजेश कालरा के लिए काम करने वाले नाबालिग ने अजय को इस बात के लिए तैयार किया। उसने अजय को बताया कि उसका बॉस बड़ी मात्रा में नकदी का लेन देन करता है। वे आसानी से राजेश को लूट सकते हैं और अमीर बन सकते हैं।
अजय ने फिर शक्ति नायडू को तैयार किया जिसने वारदात को अंजाम देने में मदद की। हालांकि, शक्ति और कई अन्य का अभी तक कोई अता पता नहीं चला है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'लूट की इस घटना को करीब सात लोगों ने अंजाम दिया था। तीन अन्य आरोपियों की धर पकड़ के लिए अभियान चलाया जा रहा है।' लूट को अंजाम देने के बाद गिरोह ने अलग होने का निर्णय किया और विभिन्न ठिकानों पर चले गए। इस बीच उन्होंने अपने मोबाइल फोन भी बंद कर दिए थे और एक दूसरे से संपर्क भी नहीं किया था। पुलिस ने बताया कि इसके कारण भी उन्हें ढूंढ़ने में दिक्कत आई।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से प्राप्त सूचना के आधार पर कई स्थानों से लूट की कुछ रकम बरामद की है। कहा जाता है कि ये रकम करोड़ों में है लेकिन अभी तक वास्तविक रकम के बारे में कुछ पता नहीं चला है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मामले में लूट की वास्तविक रकम 4.69 करोड़ रुपये है। शुरुआत में यह छह करोड़ रुपये के आस पास आंकी गई थी लेकिन बाद में अचानक ही रकम बढ़कर 7.69 करोड़ रुपये हो गई थी।
इस तरह के अनुमान थे कि इस मामले में करीब 15-20 करोड़ रुपये की रकम लूटी गई थी। ऐसी भी खबर थी कि कार में विदेशी मुद्रा भी थीं।
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