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This Article is From May 29, 2020

तस्वीरों के माध्यम से समझें, लद्दाख में पैदा हुई भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति

पूर्वी लद्दाख में कम से कम 5 इलाके ऐसे हैं जहां LAC की धारणा को लेकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद रहा है.

तस्वीरों के माध्यम से समझें, लद्दाख में पैदा हुई भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति
पिछले दिनों भारत और चीन के सैनिकों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी
नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में कम से कम 5 ऐसे अहम इलाके हैं, जहां LAC की धारणा को लेकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद रहा है. अक्सर इन इलाकों में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है. पिछले दिनों यह तनाव 5 और 6 मई के करीब उजागर हुआ जब पैंगॉन्ग झील इलाके के किनारे दोनों तरफ के सैनिकों के बीच जोरदार झड़प हो गई. भारतीय सेना के कुछ जवानों को चीनी सैनिकों ने घेर लिया और उन पर हमला करके बुरी तरह से घायल कर दिया. बता दें कि चीनी और भारतीय सेना दल अक्सर विवाद के इस क्षेत्र को पार करके अपना दावा पेश करते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में सैनिक 'बैनर ड्रिल' के बाद पीछे हट जाते हैं.

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पैंगॉन्ग झील के किनारे हुई झड़प के बाद से चीन के तेवर खासे आक्रमक नजर आ रहे हैं. कई खबरें सामने आई हैं, जहां चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की गई है. दक्षिण में डेमचोक, पैंगॉन्ग झील के पूर्वी तट फिंगर्स क्षेत्र, गलवान नदी बेसिन और हाल ही में गोगरा पोस्ट. इसके अलावा उत्तर से दौलत बाग ओल्डी इलाके से भी चीन की चहलकदमी की कुछ जानकारियां मिल रही हैं. 

दौलत बाग ओल्डी इलाका भारतीय वायु सेना का एयर लैंडिंग ग्राउंड है, C-130  हरक्यूलिस ट्रांस्पोर्ट इलाके में एक चौड़ी लैंडिंग स्ट्रिप है, इसे सैनिकों की मदद से फिल्माया गया है. यह स्ट्रिप इस इलाके में भारतीय परिचालन के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है. खासकर सर्दियों के दिनों में, जब भारी बर्फबारी की वजह से इस इलाके के रास्ते बंद हो जाते हैं तो दोलत बाग ओल्डी की यह हवाई पट्टी ही भारतीय सशस्त्र बलों को इस इलाके में हथियार और तोप तेजी से ट्रांस्फर करने में मदद करती है.  
q442vf5oइस इलाके में एक भारतीय सड़क का निर्माण ही विवाद की मुख्य वजह है. यह सड़क दक्षिण से डबरुक को उत्तर से दौलत बेग ओल्डी तक जोड़ती है. इस सड़क का निर्माण कार्य पिछले साल पूरा हुआ था. यह सड़क परियोजना के नजरिए ये बेहद महत्वपूर्ण है. 

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फोटो: प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो

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फोटो: प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो

पिछले साल अक्टूबर महीने में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु का उद्घाटन किया था. 15,000 फीट की ऊंचाई पर यह भारत का सबसे ऊंचा ऑल-वेदर ब्रिज है. विकास की तरफ भारत के इस कदम पर चीनी सेना की नजर बनी हुई थी. इस सड़क का बड़ा हिस्सा श्योक नदी के समानांतर चलता है जोकि लद्दाख के सब सेक्टर नॉर्थ क्षेत्र में नियंत्रण रेखा से बहुत दूर नहीं है. 

गलवान नदी बेसिन भी ऐसा ही एक इलाका जहां सड़क LAC के करीब चलती है. यह नदी श्योक में बहती है और इसे चीनी घुसपैठ का स्थल भी माना जाता है. ओपन सोर्स सैटेलाइट विशेषज्ञों ने इस इलाके की कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें गलवान नदी के करीब चीनी सैनिकों के टेंट के संकेत मिले हैं. 

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गोगरा पोस्ट में भारत और चीन के सेना के बीच तनाव की स्थिति बनी थी वह गलवान घाटी के दक्षिण पूर्वी हिस्से में स्थित है. सूत्र बतातें हैं कि गोगरा पोस्ट के नजदीक ही चीनी सेना की गतिविधियों में इजाफा हुआ है, हांलाकि अभी यह चहलकदमी चीन की जमीन पर ही हो रही है. भारतीय सेना आधिकारिक रुप से चीनी घुसपैठ पर बात नहीं कर रही है और न ही किसी प्रकार की चीनी गतिविधि की तरफ इशारा कर रही है. 

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मौजूदा स्थिति में विवाद लद्दाख के दक्षिणी इलाके डेमचोक में है. कई रिपोर्ट में इन इलाकों में चीनी भारी संख्या में उपकरणों की आवाजाही करने की बात कही गई है. लेकिन यह किस तरह के उपकरण है इसका विवरण साफ नहीं है. 

l9fedkecगुरुवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि मामले को हल करने के लिए दोनों पक्षों की तरफ से सैन्य और राजनयिक तंत्र स्थापित किए गए हैं. जोकि बातचीत के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों में पैदा हुए तनाव को कम करने की कोशिश में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने यह भी कहा कि हम भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा करने में अपने संकल्प में दृढ़ हैं. 

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