
Shivsena on Petrol Diesel Price Hike: मुंबई के बांद्रा में लगाए गए पोस्टर
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम (Petrol Diesel Price Hike) अब सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. शिवसेना (Shivsena) ने भी इस विषय पर मोदी सरकार का घेराव तेज कर दिया है. शिवसेना की ओर से मुंबई के बांद्रा इलाके में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें साल 2015 और साल 2020 के गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तुलना की गई और पूछा गया कि क्या यही है अच्छे दिन? इन पोस्टरों में 2015 में पेट्रोल के दाम 64.60 रुपये बताए गए हैं जबकि 2021 में यह 96.62 रुपये प्रति लीटर हो गया है (मुंबई में आज की ताजा कीमत 97 रुपये प्रति लीटर है). डीजल के दामों के बदलाव को भी पोस्टर में देखा जा सकता है. 2015 में जहां डीजल 52.11 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था वहीं 2021 में यह 88.06 रुपये हो चला है. रसोई गैस में इस्तेमाल होने वाले LPG के दामों में भी खासा बदलाव देखने को मिला है. 2015 में जहां एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत 572 रुपये 50 पैसे थी, वहीं अब बढ़कर यह 791 रुपये हो गई है.
बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमतों के खिलाफ शिवसेना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा..
— sohit mishra (@sohitmishra99) February 22, 2021
शिवसेना की ओर से मुंबई के बांद्रा इलाके में पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें साल 2015 और साल 2020 के गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तुलना की गई और पूछा गया कि क्या यही है अच्छे दिन?#PetrolPriceHikepic.twitter.com/vJr1bSN070
बताते चलें कि मूल्य वृद्धि से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 90.58 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 97 रुपए प्रति लीटर हो गई है. ईंधन की कीमतों के मामलों में चार प्रमुख महानगरों में सबसे महंगा मुंबई में है. इस मामले को लेकर केंद्र सरकार इन दिनों चौतरफा घिरी हुई है. एक तरफ जनता की नाराजगी तो दूसरी करफ राजनीतिक पार्टियों ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है.
Read Also: पेट्रोल की कीमतों पर बिहार के मंत्री का 'अजीब' बयान, कहा-आम लोग गाड़ी से नहीं, बस-ट्रेन से चलते हैं
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर शनिवार को सोनिया गांधी, मायावती और अखिलेश यादव समेत कई राजीनिक दलों ने सवाल उठाए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में ईंधन और गैस की बढ़ती कीमतों को ले कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रविवार को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि सरकार लोगों के कष्ट और पीड़ा दूर करने के बजाए उनकी तकलीफ बढ़ाकर मुनाफाखोरी कर रही है. गांधी ने मोदी से ‘राज धर्म' का पालन करने और उत्पाद शुल्क में आंशिक कटौती करके कीमतें कम करने की अपील की.