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This Article is From Feb 19, 2019

ICJ में जब पाकिस्तानी अधिकारी ने बढ़ाया भारतीय राजनयिक की तरफ हाथ तो मिला ऐसा जवाब

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव के बीच जाधव मामले की सुनवाई सोमवार को हेग स्थित आईसीजे के मुख्यालय में शुरू हुई.

ICJ में जब पाकिस्तानी अधिकारी ने बढ़ाया भारतीय राजनयिक की तरफ हाथ तो मिला ऐसा जवाब
जाधव मामले की सुनवाई सोमवार को हेग स्थित आईसीजे के मुख्यालय में शुरू हुई.
हेग:

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले की सुनवाई के पहले दिन भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तानी अधिकारी से हाथ नहीं मिलाया बल्कि उन्हें ‘हाथ जोड़कर' नमस्ते किया. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (Pulwama Terror Attack) के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव के बीच जाधव मामले की सुनवाई सोमवार को हेग स्थित आईसीजे के मुख्यालय में शुरू हुई. पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी द्वारा किए गए हमले में 41 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए.

सुनवाई से पहले, पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल के पास गए और उनसे हाथ मिलाना चाहा, लेकिन मित्तल ने उनसे हाथ नहीं मिलाया बल्कि उन्हें ‘हाथ जोड़कर' नमस्ते किया. मित्तल ने पाकिस्तान के विदेश दफ्तर के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं दक्षेस के महानिदेशक मोहम्मद फैसल को भी ‘हाथ जोड़कर' नमस्ते किया. जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में ‘जासूरी और आतंकवाद' के आरोप में एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. जाधव की सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.

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बता दें, भारत ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से अनुरोध किया कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को दिये गये मृत्युदंड को निरस्त किया जाए और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिये जाएं. 

भारत ने कहा कि यह मामला कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं करता. भारतीय नागरिक जाधव तक राजनयिक संपर्क की अनुमति देने से बार बार इंकार करके वियना संधि के प्रावधानों का पाकिस्तान द्वारा ‘‘खुला उल्लंघन'' करने पर भारत मई 2017 में आईसीजे की शरण में गया था. आईसीजे में भारत और जाधव का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालतें इस अदालत में भरोसा उत्पन्न नहीं कर सकतीं और उन्हें इस मामले में पुनर्विचार करने का निर्देश देकर दोषमुक्त होने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए. भारत जाधव की दोषसिद्धि को निरस्त करने तथा यह निर्देश देने का अनुरोध करता है कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए.

(इनपुट- भाषा)

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