कुडनकुलम:
परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ अपना प्रदर्शन तेज करते हुए गुरुवार को पास के इदिंतकरई समुद्र तट पर पानी में खड़े होकर मानव शृंखला बनाई।
मध्य प्रदेश के 'जल सत्याग्रह' के कार्यकर्ताओं से सबक लेते हुए पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के कार्यकर्ता अपने वर्ष भर पुराने विरोध प्रदर्शन में बदलाव लाने के उद्देश्य से समुद्र तट के पास पानी में खड़े हुए। संयंत्र के आसपास पुलिसकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं के दिन भर के प्रदर्शन के दौरान किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए समुद्र तट के पास सुरक्षा बढ़ा दी है।
प्रदर्शनकारियों की चार मांगे हैं, जिनमें कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना में ईंधन भरने की प्रक्रिया रोकने, परमाणु विरोधी आंदोलन के नेताओं की गिरफ्तारी की योजना छोड़ने, नुकसान झेलने वालों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना और हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई शामिल है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्लांट से विकिरण का खतरा है, इसलिए तत्काल प्रभाव से प्लांट में ईंधन रखने का काम बंद किया जाए और आने वाले वक्त में इस परियोजना को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए।
हालांकि सरकार की दलील है कि प्लांट में रेडिएशन से बचने के तमाम उपाय किए गए हैं और देश में बिजली समस्या को दूर करने के लिए इस प्लांट का चालू होना बेहद जरूरी है। इस प्लांट से एक हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन का अनुमान है। कुडनकुलम प्लांट को रूस के सहयोग से तैयार किया गया है।
मध्य प्रदेश के 'जल सत्याग्रह' के कार्यकर्ताओं से सबक लेते हुए पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के कार्यकर्ता अपने वर्ष भर पुराने विरोध प्रदर्शन में बदलाव लाने के उद्देश्य से समुद्र तट के पास पानी में खड़े हुए। संयंत्र के आसपास पुलिसकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं के दिन भर के प्रदर्शन के दौरान किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए समुद्र तट के पास सुरक्षा बढ़ा दी है।
प्रदर्शनकारियों की चार मांगे हैं, जिनमें कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना में ईंधन भरने की प्रक्रिया रोकने, परमाणु विरोधी आंदोलन के नेताओं की गिरफ्तारी की योजना छोड़ने, नुकसान झेलने वालों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना और हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई शामिल है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्लांट से विकिरण का खतरा है, इसलिए तत्काल प्रभाव से प्लांट में ईंधन रखने का काम बंद किया जाए और आने वाले वक्त में इस परियोजना को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए।
हालांकि सरकार की दलील है कि प्लांट में रेडिएशन से बचने के तमाम उपाय किए गए हैं और देश में बिजली समस्या को दूर करने के लिए इस प्लांट का चालू होना बेहद जरूरी है। इस प्लांट से एक हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन का अनुमान है। कुडनकुलम प्लांट को रूस के सहयोग से तैयार किया गया है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
Kudankulam Controversy, Kudankulam Nuclear Plant, Jal Satyagraha, कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट, कुडनुलम पॉवर प्लांट, कुडनुलम में विरोध प्रदर्शन