विज्ञापन
This Article is From Oct 23, 2015

वीके सिंह का विवादों से चोली दामन का साथ; पढ़ें कब-कब क्या-क्या बोले

वीके सिंह का विवादों से चोली दामन का साथ; पढ़ें कब-कब क्या-क्या बोले
विवादों से पुराना रिश्ता है केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का...
सेना प्रमुख रह चुके केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता है। कभी वह मीडिया को 'प्रेस्टीट्यूट' कहते हैं और कभी साहित्यकारों को लेकर 'अटपटे' बयान दे देते हैं। हालिया मामला हरियाणा में दो दलित बच्चों को जलाकर मार डालने से जुड़ा है। दो दलित बच्चों की हत्या पर उन्होंने पहले तो कहा कि सरकार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं। फिर बात को आगे बढ़ाते हुए वह बोले, 'हर चीज़ के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं, कहीं किसी ने कुत्ते को पत्थर मार दिया तो सरकार जिम्मेदार है, ऐसे नहीं है।'

इस संवेदनहीन और हैरान कर देने वाले बयान पर जब वीके सिंह की चारों ओर आलोचना हुई और खुद उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया तो उन्होंने इस बयान पर माफी मांग ली। उन्होंने ट्वीट करके यह भी कहा- 'मेरे बयान का मक़सद किसी से तुलना करना नहीं था। मैं और मेरे लोग जाति, धर्म और आस्था के परे देश पर मर मिटने को तैयार रहते हैं।' खुद राजनाथ सिंह ने इस मसले पर कहा कि 'बयान की व्याख्या गलत बता कर बच नहीं सकते।'

साहित्यकारों को लेकर भी कह चुके हैं 'अटपटी' बात...
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस सितंबर को हुए विश्व हिंदी सम्मेलन में वीके सिंह ने भी शिरकत की थी। एक अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सिंह के हवाले से कहा गया है कि यह सम्मेलन पिछले सम्मेलनों से अलग है। यह सम्मेलन सिर्फ साहित्य तक केंद्रित नहीं है। यह भाषा के विस्तार और प्रसार के लिए है। साहित्यकारों द्वारा सम्मेलन पर उठाए जा रहे सवालों पर उनका जवाब था कि कुछ लोगों को लग रहा है कि वे आते थे, आलेख पढ़ते थे, दारू पीते थे और चले जाते थे, जो इस बार नहीं है।

लेखकों और साहित्यकारों ने सिंह से सवाल किया है कि 'जनरल साहब बताएं कि सैनिकों का आकलन उनकी सेवा और बलिदान के आधार पर होता है या दारू पीने पर।'

पाकिस्तान दिवस के मौके पर पाक उच्चायोग गए तो सही लेकिन...
पाकिस्तान दिवस के मौक़े पर पाकिस्तान उच्चायोग में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के बाद विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कुछ ऐसे ट्वीट्स किए थे, जिनसे यह मेसेज गया कि सरकार की तरफ से मिली इस ज़िम्मेदारी को निभाकर वे खुश नहीं थे। वीके सिंह साढ़े सात बजे शाम को पाकिस्तान हाई कमीशन पहुंचे थे और वहां बमुश्किल दस मिनट रुके। इसके बाद रात दस बज कर एक मिनट से लेकर दस बज कर चार मिनट के बीच उन्होंने पांच ट्वीट्स किए। इनमें पहले तीन ट्वीट्स #duty के साथ थे जिनसे मेसेज गया वह सरकार की तरफ से मिली ज़िम्मेदारी को बेमन से निभाने वहां गए थे।

पहले ट्वीट में उन्होने साफ लिखा था कि ड्यूटी ऐसी चीज़ है जिसे कानूनी और नैतिक वजहों से निभाने के लिए एक व्यक्ति बंधा होता है। आखिरी के दो ट्वीट में उन्होंने #disgust यानी घृणा शब्द का इस्तेमाल करते हुए नैतिक समझ, सिद्धांत को चोट पहुंचाने वाला या स्वाद को चोट पहुंचाने वाला करार देने वाला लिखा।

इसके बाद यमन में फंसे भारतीयों को निकालने पर...
यमन संकट के समय वीके सिंह जिबूती गए थे। वहां वह भारतीय नौसेना, वायुसेना और एयर इंडिया द्वारा चलाए चलाए जा रहे बचाव अभियान की निगरानी के लिए गए थे।उन्होंने कहा था कि जंग जैसे हालात से जूझते यमन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन पर नजर रखना 'पाकिस्तानी दूतावास में जाने से कम रोमांचक है।' यह बात उन्होंने पाकिस्तान दिवस के मौक़े पर पाकिस्तान उच्चायोग में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पर कही थी।

मीडिया को कहा था ‘प्रेसटीट्यूट्स’...
जब जिबूती में दिए गए उनके इस बयान पर हो हल्ला हो गया तो उन्होंने मीडिया की आलोचना कर दी। उनके बयानों पर खबर बनाने को लेकर उन्होंने ट्वीट के जरिए एक टीवी चैनल के खिलाफ विवादास्पद व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी की। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘दोस्तों, आप प्रेस्‍टीट्यूट्स से और क्या उम्मीद कर सकते हैं।’ हालांकि अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि संबंधित पत्रकार ने अंग्रेजी के ‘ई’ के स्थान पर ‘ओ’ समझ लिया।

उनके इस बयान की भी खूब आलोचना हुई थी और उन्हें आड़े हाथों लिया गया था। मनीष तिवारी ने कहा था कि सिंह ने जो कहा, 'वह पूरी तरह से निंदनीय है और उसकी कठोरतम शब्दों में भर्त्सना की जानी चाहिए। इसके लिए उन्हें मंत्री पद से बर्खास्‍त कर देना चाहिए।

'हथियार लॉबी की शह पर मीडिया का एक वर्ग कर रहा है हमला'
सिंह ने मीडिया को एक बार और अप्रैल (इसी साल) निशाने पर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन पर दबाव बनाने के लिए लगातार काम करने वाली हथियार लॉबी की शह पर मीडिया का एक हिस्सा उनके खिलाफ एक 'कपटी अभियान' चला रहा है और उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत करवा दिया है।

सिंह ने इस साजिश में एक पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा, जब मैं सेना प्रमुख था, तो वे मुझे हरा नहीं पाए थे। उनकी मुहिम चालू है। उन्होंने कहा था, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि विभिन्न लोगों के साथ उनके क्या संबंध हैं। कई लोग हैं, जिन्हें वे भुगतान करते हैं। ऐसे में, निश्चित ही कुछ पत्रकार और अन्य लोग होंगे, जो उस तरह का लिखेंगे, जैसा उनसे कहा जाएगा।'

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
वीके सिंह, प्रेस्टीट्यूट, ट्विटर, फऱीदाबाद दलित घटना, वी के सिंह बयान, VK Singh Dog Remark, VK Singh Controversial Remarks, VK Singh
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com