जापान की बुलेट ट्रेन
नई दिल्ली:
जापान के पीएम शिंजो आबे और पीएम नरेंद्र मोदी ने बुलेट ट्रेन की नींव रख दी है. इसकी लागत 1.10 लाख करोड़ है, जिसमें 88 हजार करोड़ का कर्ज जापान देगा. इस कर्ज का ब्याज 0.1 फीसदी होगा, जिसे 50 साल में चुकाना होगा. दो महीने पहले हैम्बर्ग में जी-20 देशों की बैठक के दौरान मोदी-आबे की मुलाकात के बाद एक बार फिर दोनों देश करीब हैं. जापान के पीएम भारत की बेहद महत्वपूर्ण योजना का न सिर्फ हिस्सा बन रहे हैं, बल्कि उसे पूरा करने के लिए भारत को 50 सालों के लिए बेहद सस्ता कर्ज भी मुहैया करा रहे हैं.
पढ़ें- कितने का है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट? जानें 7 बातें
हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा जापान
चीन के साथ हालिया डोकलाम विवाद पर जब दुनिया के बड़े देश बैलेंस्ड कमेंट्स कर रहे थे, तब जापान ही वह देश था जिसने खुलकर भारत का सपोर्ट किया था. जानते हैं रिश्तों की तरह आखिर कैसे महत्वपूर्ण है ये बुलेट ट्रेन, आइए जानते हैं...
जापान की ट्रेन ही क्यों है खास ?
. बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा.
. दुनिया की सबसे सुरक्षित ट्रेन है जापानी बुलेट ट्रेन.
. बुलेट ट्रेन का 53 साल में कभी एक्सीडेंट नहीं हुआ.
. ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से चलती है बुलेट ट्रेन.
. जापान में बुलेट ट्रेन बिना देरी के रोज 800 बुलेट ट्रेन दौड़ती हैं.
पढ़ें- शिंजो आबे आए हैं बुलेट ट्रेन लाए हैं : समुद्र के नीचे से भी होगा रूट, इतना होगा खर्चा, जानें सबकुछ
21 किलोमीटर लंबी सुरंग से गुजरेगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन
इस 508 किमी के पूरे रूट में से 92 फीसदी रूट एलिवेटिड होगा, 6 फीदसी जमीन के अंदर होगा और केवल 2 फीदसी रूट ही जमीन पर होगा. 508 में से 468 किलोमीटर जमीन के ऊपर. 30 किलोमीटर जमीन के अंदर और 10 किलोमीटर जमीन पर दौड़ेगी.
कहां रुकेगी बुलेट ट्रेन
अहमदाबाद से मुंबई के बीच 12 स्टेशन होंगे. ढाई घंटे के सफर में मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं. मुंबई अहमदाबाद की 508 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे 7 मिटट में तय की जा सकेगी, ऐसा तब मुंमकिन है जब ट्रेन केवल 4 स्टेशन अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और मुंबई में रुके.
164 सालों में क्या कुछ बदला
भारत की पटरियों पर दौड़ने वाली पहली रेल 16 अप्रैल 1853 को चली थी. 14 बोगी की इस ट्रेन को 3 इंजनों की मदद से चलाया गया था. आज 163 सालों बाद देश में बुलेट ट्रेनों को चलाने की तैयारी जोर-शोर से जारी है.
पढ़ें- बुलेट तो चलाएंगे, ट्रेनों की दुर्घटनाएं कब रुकेंगी?
IRCTC की वेबसाइट को मिलेगा फायदा
साल 2002 में जब IRCTC की शुरुआत हुई थी तब वह महज 27 टिकट ही रोजाना बेच पाथी थी. अब ये आकड़ा बढ़कर 7 लाख तक पहुंच गया है. रेलवे के कुल टिकट का करीब 55 फीसदी इसी वेबसाइट पर बुक होता है. नए सर्वरों के जुड़ने के बाद हर मिनट 15 हजार से ज्यादा टिकट बुक होने लगे. मौजूदा समय में 3 लाख लोग एक सथ एक ही वक्त पर टिकट बुक कर सकते हैं. बुलेट ट्रेन आने के बाद IRCTC को भी फायदा होगा. इसमें सफर करने के लिए लोग से ज्यादा से ज्यादा टिकट बुक करेंगे.
पढ़ें- कितने का है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट? जानें 7 बातें
हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा जापान
चीन के साथ हालिया डोकलाम विवाद पर जब दुनिया के बड़े देश बैलेंस्ड कमेंट्स कर रहे थे, तब जापान ही वह देश था जिसने खुलकर भारत का सपोर्ट किया था. जानते हैं रिश्तों की तरह आखिर कैसे महत्वपूर्ण है ये बुलेट ट्रेन, आइए जानते हैं...
जापान की ट्रेन ही क्यों है खास ?
. बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा.
. दुनिया की सबसे सुरक्षित ट्रेन है जापानी बुलेट ट्रेन.
. बुलेट ट्रेन का 53 साल में कभी एक्सीडेंट नहीं हुआ.
. ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से चलती है बुलेट ट्रेन.
. जापान में बुलेट ट्रेन बिना देरी के रोज 800 बुलेट ट्रेन दौड़ती हैं.
पढ़ें- शिंजो आबे आए हैं बुलेट ट्रेन लाए हैं : समुद्र के नीचे से भी होगा रूट, इतना होगा खर्चा, जानें सबकुछ
21 किलोमीटर लंबी सुरंग से गुजरेगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन
इस 508 किमी के पूरे रूट में से 92 फीसदी रूट एलिवेटिड होगा, 6 फीदसी जमीन के अंदर होगा और केवल 2 फीदसी रूट ही जमीन पर होगा. 508 में से 468 किलोमीटर जमीन के ऊपर. 30 किलोमीटर जमीन के अंदर और 10 किलोमीटर जमीन पर दौड़ेगी.
कहां रुकेगी बुलेट ट्रेन
अहमदाबाद से मुंबई के बीच 12 स्टेशन होंगे. ढाई घंटे के सफर में मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं. मुंबई अहमदाबाद की 508 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे 7 मिटट में तय की जा सकेगी, ऐसा तब मुंमकिन है जब ट्रेन केवल 4 स्टेशन अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और मुंबई में रुके.
164 सालों में क्या कुछ बदला
भारत की पटरियों पर दौड़ने वाली पहली रेल 16 अप्रैल 1853 को चली थी. 14 बोगी की इस ट्रेन को 3 इंजनों की मदद से चलाया गया था. आज 163 सालों बाद देश में बुलेट ट्रेनों को चलाने की तैयारी जोर-शोर से जारी है.
पढ़ें- बुलेट तो चलाएंगे, ट्रेनों की दुर्घटनाएं कब रुकेंगी?
IRCTC की वेबसाइट को मिलेगा फायदा
साल 2002 में जब IRCTC की शुरुआत हुई थी तब वह महज 27 टिकट ही रोजाना बेच पाथी थी. अब ये आकड़ा बढ़कर 7 लाख तक पहुंच गया है. रेलवे के कुल टिकट का करीब 55 फीसदी इसी वेबसाइट पर बुक होता है. नए सर्वरों के जुड़ने के बाद हर मिनट 15 हजार से ज्यादा टिकट बुक होने लगे. मौजूदा समय में 3 लाख लोग एक सथ एक ही वक्त पर टिकट बुक कर सकते हैं. बुलेट ट्रेन आने के बाद IRCTC को भी फायदा होगा. इसमें सफर करने के लिए लोग से ज्यादा से ज्यादा टिकट बुक करेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं