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This Article is From Jan 13, 2018

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर सवाल उठाने वाले ये 4 जज कई अहम फैसलों में रहे हैं शामिल

देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जजों ने इस तरह से मीडिया में आकर बयान दिया है. आम तौर न्यायाधीश रिटायर होने के बाद भी इस तरह के सार्वजनिक बयानों से बचते रहे हैं. इन चारों जजों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्‍वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं.

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर सवाल उठाने वाले ये 4 जज कई अहम फैसलों में रहे हैं शामिल
इन चारों जजों ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली: शुक्रवार को एक अनोखे घटनाक्रम में  सुप्रीम कोर्ट  के चार जजों ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने यह भी अगाह किया कि अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जजों ने इस तरह से मीडिया में आकर बयान दिया है. आम तौर न्यायाधीश रिटायर होने के बाद भी इस तरह के सार्वजनिक बयानों से बचते रहे हैं. इन चारों जजों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्‍वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं. इनका कहना था कि ये मीडिया ब्रीफिंग मजबूर होकर कर रहे हैं. यह प्रेस कॉन्‍फ्रेंस इसलिए की, ताकि कोई यह न कह सके कि आत्मा को बेच दिया है. 

इन चारों चारों जजों के बारे में जानकारी

जस्टिस चेलेमेश्वर (64)
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1- मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ जस्टिस हैं. 10 अक्टूबर 2011 से सुप्रीम कोर्ट में हैं. इसी साल जून में रिटायर हो जाएंगे.
2- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम सिस्टम के विरोध में हैं.
3- जस्टिस चेलेमेश्वर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) के पक्ष में थे. 2015 में इस आयोग को अंसवैधानिक बताने वाली बेंच में शामिल थे और इस फैसले पर असहमति जताई थी.
4-  निजता को मौलिक अधिकार बताने वाली बेंच में भी शामिल थे.

जस्टिस रंजन गगोई (63)
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1- जस्टिस रंजन गगोई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. वह उत्तर-पूर्व से आने वाले पहले मुख्य न्यायाधीश होंगे. उनके पिता केसी गगोई असम के मुख्मंत्री रह चुके हैं.
2- जस्टिस उस पीठ में शामिल थे जिसने फैसला दिया था कि संसदीय और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा और चल रहे केसों को बारे में जानकारी देनी होगी.ऑ
3- 7 जजों की उस बेंच में शामिल थे जिसने पिछले साल ही हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएम कर्णन को अवमानना के मामले में 6 महीने कैद की सजा सुनाई थी.
4- उस बेंच में शामिल थे जिसने जाटों को ओबीसी कोटा देने से रोक लगा दी थी.

जस्टिस एमबी लोकुर (64)
lokur
साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने. इस साल दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे. उस बेंच में शामिल थे जिसने फैसला दिया था कि कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध रेप माना जाएगा.

जस्टिस कुरियन जोसेफ (64)
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साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने. इस साल नवंबर में रिटायर हो जाएंगे. उस बेंच में शामिल थे जिसने फैसला दिया था कि ट्रिपल तलाक असंवैधानिक है. 
उस बेंच में भी शामिल थे जिसने जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक ठहराया था.

 

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