
नई दिल्ली:
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने महाभारत के धृतराष्ट्र का जिक्र कर कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निशाना बनाया, वहीं कानूनमंत्री सलमान खुर्शीद ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्गित आक्षेपों से कोई फायदा नहीं होगा।
इधर, वाकयुद्ध में कूदते हुए बीजेपी ने कहा कि यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग सही है, क्योंकि दागियों की पहुंच मनमोहन सिंह तक हो गई है, हालांकि वह ईमानदार नेता हैं।
बेदी ने ट्विटर पर लिखा, पीएमओ ने प्रधानमंत्री को दोष मुक्त कर दिया। क्या महाभारत में धृतराष्ट्र ने कौरवों का समर्थन नहीं किया था, जब द्रौपदी की चीरहरण का प्रयास किया गया। भारतीय जीन, संस्कृति? उन्होंने कहा कि टीम अन्ना का ध्यान केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर है, क्योंकि वहीं प्रभावशाली कानून बना सकती है, विपक्ष नहीं।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर उनकी (टीम अन्ना) उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें सिंह और 14 मंत्रिमंडल सहयोगियों के खिलाफ कथित अनियमितता की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी( गठित किए जाने की मांग की गई थी।
वहीं, बेदी के ट्विटर पर लिखे बयान पर प्रतिकिया व्यक्त करते हुए कानूनमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को निजी अभियान का रूप दे रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि देश उन्हें समय आने पर उचित उत्तर देगा। उनकी टिप्पणी आज टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोलने के लिए महाभारत का हवाला दिए जाने के बाद आई।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने शनिवार को यह आरोप लगाया था कि अन्ना हजारे विदेशी शक्तियों के समर्थन वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों से घिरे हैं। खुर्शीद ने कहा कि समाज के सदस्यों को पहले अपने द्वारा की गई अनियमितताओं से संबंधित सवालों का जवाब देना चाहिए।
कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किए जाने और उनके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित किए जाने की टीम अन्ना की मांगें खारिज किए जाने के बाद सरकार और टीम अन्ना के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है। टीम अन्ना पर हमला बोलते हुए खुर्शीद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि टीम अन्ना के सदस्य हमारे देश के लोकतंत्र के लिए बहुत मददगार या बहुत अच्छे रहे हैं।
खुर्शीद ने कहा, हमें लगता था कि उन्होंने एक अच्छे विचार के साथ शुरुआत की है। भ्रष्टाचार को रोकना और भ्रष्टाचार के बारे में सवाल उठाना एक अच्छा विचार है। लेकिन आज वे इसे निजी अभियान और निजी महत्वाकांक्षा में बदलकर इस विचार को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि समय आने पर देश उन्हें मुनासिब जवाब देगा।
इधर, वाकयुद्ध में कूदते हुए बीजेपी ने कहा कि यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग सही है, क्योंकि दागियों की पहुंच मनमोहन सिंह तक हो गई है, हालांकि वह ईमानदार नेता हैं।
बेदी ने ट्विटर पर लिखा, पीएमओ ने प्रधानमंत्री को दोष मुक्त कर दिया। क्या महाभारत में धृतराष्ट्र ने कौरवों का समर्थन नहीं किया था, जब द्रौपदी की चीरहरण का प्रयास किया गया। भारतीय जीन, संस्कृति? उन्होंने कहा कि टीम अन्ना का ध्यान केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर है, क्योंकि वहीं प्रभावशाली कानून बना सकती है, विपक्ष नहीं।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर उनकी (टीम अन्ना) उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें सिंह और 14 मंत्रिमंडल सहयोगियों के खिलाफ कथित अनियमितता की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी( गठित किए जाने की मांग की गई थी।
वहीं, बेदी के ट्विटर पर लिखे बयान पर प्रतिकिया व्यक्त करते हुए कानूनमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को निजी अभियान का रूप दे रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि देश उन्हें समय आने पर उचित उत्तर देगा। उनकी टिप्पणी आज टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोलने के लिए महाभारत का हवाला दिए जाने के बाद आई।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने शनिवार को यह आरोप लगाया था कि अन्ना हजारे विदेशी शक्तियों के समर्थन वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों से घिरे हैं। खुर्शीद ने कहा कि समाज के सदस्यों को पहले अपने द्वारा की गई अनियमितताओं से संबंधित सवालों का जवाब देना चाहिए।
कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किए जाने और उनके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित किए जाने की टीम अन्ना की मांगें खारिज किए जाने के बाद सरकार और टीम अन्ना के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है। टीम अन्ना पर हमला बोलते हुए खुर्शीद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि टीम अन्ना के सदस्य हमारे देश के लोकतंत्र के लिए बहुत मददगार या बहुत अच्छे रहे हैं।
खुर्शीद ने कहा, हमें लगता था कि उन्होंने एक अच्छे विचार के साथ शुरुआत की है। भ्रष्टाचार को रोकना और भ्रष्टाचार के बारे में सवाल उठाना एक अच्छा विचार है। लेकिन आज वे इसे निजी अभियान और निजी महत्वाकांक्षा में बदलकर इस विचार को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि समय आने पर देश उन्हें मुनासिब जवाब देगा।
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