आईएसआईएस में कथित रूप से शामिल होने वाला केरल का एक शख्स में अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में मारा गया (प्रतीकात्मक चित्र)
तिरुवनंतपुरम:
केरल के कासरगोड से संदिग्ध रूप से जिन 11 लोगों ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ज्वाइन कर लिया था, उनमें से एक हफीसुद्दीन की अफगानिस्तान में हुए ड्रोन हमले में मौत हो गई है. उसके परिवार को रविवार को एक व्हाट्सऐप मैसेज मिला, जिसमें लिखा था, 'हफीस शनिवार को ड्रोन हमले में मारा गया. हम उसे शहीद मानते हैं और अल्लाह को सब अच्छी तरह से पता है.'
संदेश भेजने वाला शख्स भी भारत से लापता हो गया था. उसने यह भी कहा, 'हम अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इंशा अल्लाह'. हालांकि सरकार की ओर से अभी उसकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. पिछले साल जून में केरल से गर्भवती महिलाओं और तीन बच्चों समेत 17 लोग संदिग्ध रूप से आईएसआईएस में शामिल होने के लिए चले गए थे. उन लोगों के लापता होने के बाद उनके परिवारों को जो संदेश प्राप्त हुए थे, उसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आशंका हुई कि उन लोगों ने आईएसआईएस ज्वाइन कर लिया.
हफीसुद्दीन टी.के. मध्य-पूर्व में कुछ वक्त काम करने के बाद केरल लौटा था. जांचकर्ताओं के मुताबिक कासरगोड में हफीसुद्दीन और अन्य लोगों को अब्दुल रशीद नामक शख्स ने बरगलाया. रशीद कासरगोड में आईएसआईएस के लिए लोगों को दिमागी तौर पर तैयार करने वाला मास्टरमाइंड था. अब्दुल रशीद ने कोझिकोड में थोड़े समय के लिए पीस इंटरनेशनल स्कूल में काम किया था.
नौजवानों के लापता होने के बाद उनके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने पाया कि उनके बेटे अलग बर्ताव कर रहे थे, हालांकि उन्हें समझ में नहीं आया कि वे ऐसा क्यों कर रहे थे.
इनमें से एक लड़के पिता ने NDTV से कहा था, 'हमारे बच्चे अच्छे पढ़े लिखे हैं और हम परिवार के तौर पर बहुत जिद्दी नहीं है. लेकिन हमने उनमें काफी बदलाव देखा...और एक दिन वो हमें छोड़कर चले गए.' उन्होंने बताया था कि ये नौजवान टीवी नहीं देखते थे और न ही बाहरी लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते थे. वे लोग कुरान का बहुत गहन अध्ययन करते थे. वे हमारे प्यारे बेटे थे. पता नहीं ये सब कैसे हो गया.
संदेश भेजने वाला शख्स भी भारत से लापता हो गया था. उसने यह भी कहा, 'हम अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इंशा अल्लाह'. हालांकि सरकार की ओर से अभी उसकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. पिछले साल जून में केरल से गर्भवती महिलाओं और तीन बच्चों समेत 17 लोग संदिग्ध रूप से आईएसआईएस में शामिल होने के लिए चले गए थे. उन लोगों के लापता होने के बाद उनके परिवारों को जो संदेश प्राप्त हुए थे, उसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आशंका हुई कि उन लोगों ने आईएसआईएस ज्वाइन कर लिया.
हफीसुद्दीन टी.के. मध्य-पूर्व में कुछ वक्त काम करने के बाद केरल लौटा था. जांचकर्ताओं के मुताबिक कासरगोड में हफीसुद्दीन और अन्य लोगों को अब्दुल रशीद नामक शख्स ने बरगलाया. रशीद कासरगोड में आईएसआईएस के लिए लोगों को दिमागी तौर पर तैयार करने वाला मास्टरमाइंड था. अब्दुल रशीद ने कोझिकोड में थोड़े समय के लिए पीस इंटरनेशनल स्कूल में काम किया था.
नौजवानों के लापता होने के बाद उनके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने पाया कि उनके बेटे अलग बर्ताव कर रहे थे, हालांकि उन्हें समझ में नहीं आया कि वे ऐसा क्यों कर रहे थे.
इनमें से एक लड़के पिता ने NDTV से कहा था, 'हमारे बच्चे अच्छे पढ़े लिखे हैं और हम परिवार के तौर पर बहुत जिद्दी नहीं है. लेकिन हमने उनमें काफी बदलाव देखा...और एक दिन वो हमें छोड़कर चले गए.' उन्होंने बताया था कि ये नौजवान टीवी नहीं देखते थे और न ही बाहरी लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते थे. वे लोग कुरान का बहुत गहन अध्ययन करते थे. वे हमारे प्यारे बेटे थे. पता नहीं ये सब कैसे हो गया.
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