केरल गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने विधानसभा में बजट सत्र के शुरुआत के दौरान अपना अभिभाषण पढ़ते वक्त कथित तौर पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बोलने से पहले सफाई पेश की. उन्होंने कहा, ''मैं यह पैराग्राफ (CAA के खिलाफ) पढ़ने जा रहा हूं, क्योंकि मुख्यमंत्री चाहते हैं मैं इसे पढ़ूं, हालांकि मेरा मानना है कि यह नीति या कार्यक्रम के तहत नहीं है. सीएम ने कहा है कि यह सरकार का दृष्टिकोण है, और उनकी इच्छा का सम्मान करने के लिए मैं इस पैरा को पढ़ने जा रहा हूं.''
#WATCH Kerala Governor in state assembly: I'm going to read this para (against CAA) because CM wants me to read this, although I hold the view this doesn't come under policy or programme. CM has said this is the view of government, & to honor his wish I'm going to read this para. pic.twitter.com/ciCLwKac3t
— ANI (@ANI) January 29, 2020
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रस्ताव लाने के बाद केरल में विवाद बढ़ता ही जा रहा है. केरल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत करने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सदन में अभिभाषण देने पहुंचे थे. केरल में विपक्षी दल यूडीएफ के विधायकों ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विधानसभा में उस समय ‘वापस जाओ' और ‘सीएए रद्द करो' के बैनर दिखाए जब वह अपने नीति संबोधन के लिए आसन की ओर बढ़ रहे थे.
विधानसभा में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के विधायकों ने राज्यपाल के विरोध में जमकर नारेबाजी की राज्यपाल के सदन में पहुंचते ही विधायकों ने नारेबाजी करना शुरु कर दी. कुछ विधायकों ने उनके सदन में आने का रास्ता रोका. इसके बाद विधानसभा के मार्शलों ने राज्यपाल के लिए रास्ता बनाया और उन्हें उनकी सीट तक ले गए. जब राज्यपाल ने अपना अभिभाषण शुरू किया तो UDF के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया.
केरल में विपक्ष के नेता ने गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को बताया पीएम मोदी-अमित शाह का 'एजेंट'
गौरतलब है कि नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने वाला पहला राज्य था. इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाली पहली सरकार भी केरल सरकार ही थी. इन दोनों मुद्दों पर सरकार का राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) से टकराव सामने आया था. गवर्नर ने विधानसभा में प्रस्ताव लाने के सरकार के कदम को असंवैधानिक बताया था. राज्य सरकार के इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर भी राज्यपाल ने नाराजगी जाहिर की. तब उन्होंने कहा था कि सरकार ने अदालत में याचिका दाखिल करने से पहले उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
राज्यपाल ने कहा था कि उन्हें इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी. सरकार से तो राज्यपाल का टकराव जारी ही है लेकिन अब वहां मुख्य विपक्षी दल ने भी गवर्नर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला (Ramesh Chennithala) ने आरिफ मोहम्मद खान को एजेंट बताया था.
आरिफ मोहम्मद खान कहा था कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पूरी तरह से केंद्रीय सूची का विषय है और सभी राज्यों को इसे लागू करना ही पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत की परंपरा ज्ञान की परंपरा है. एक कार्यक्रम में खान से जब अनेक राज्य सरकारों द्वारा सीएए का विरोध किए जाने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, 'सीएए खालिस और खालिस केंद्रीय सूची का विषय है, ये राज्य सूची का विषय नहीं है. हम सभी को अपने अधिकार क्षेत्र को पहचानने की जरूरत है.' यह पूछे जाने पर कि क्या विरोध कर रही राज्य सरकारें इसे लागू करेंगी, उन्होंने कहा, 'इसके अलावा कोई चारा नहीं है, उन्हें लागू करना ही पड़ेगा.'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं