यह ख़बर 13 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

केरल में साधारण बहुमत के साथ सत्ता में आया यूडीएफ

खास बातें

  • केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ ने 140 विधानसभा सीटों में से 72 सीटें जीतकर माकपा नीत एलडीएफ को सत्ता से बेदखल कर दिया।
तिरुवनंतपुरम:

केरल में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने 140 विधानसभा सीटों में से 72 सीटें जीतकर माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को सत्ता से बेदखल कर दिया। हालांकि यूडीएफ को मिला बहुमत पिछले चार दशकों में अब तक का सबसे क्षीण बहुमत है। यूडीएफ को कड़ी टक्कर देते हुए एलडीएफ ने 68 सीटें जीतने में कामयाबी पाई। वाम मोर्चा हालांकि सत्ता से बाहर हो गया लेकिन इसने 2009 के लोकसभा चुनाव और पिछले साल के स्थानीय निकाय चुनाव में खोई अपनी राजनीतिक जमीन को काफी हद तक बरकरार रखने में सफलता प्राप्त की है। माकपा 45 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसने 93 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। कांग्रेस ने 82 जगहों से चुनाव लड़ा था लेकिन यह सिर्फ 38 ही जीतने में कामयाब हो पाई। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और केरल कांग्रेस (मणि) जैसे यूडीएफ के घटक दलों ने अपने परंपरागत गढ़ों में अच्छा प्रदर्शन किया और गठबंधन को जीत दिलाने में मदद की। जनादेश को स्वीकार करते हुए वीएस अच्युतानंदन और माकपा के राज्य सचिव पिनरई विजयन दोनों ने स्पष्ट किया कि मोर्चा यूडीएफ के किसी भी छोटे घटक को अपनी ओर आकर्षित कर सत्ता में लौटने की कोशिश नहीं करेगा और वह विपक्ष में बैठेगा।


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