आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के नजफगढ़ के गुम्मनहेड़ा गांव में कहा कि अगर इस बार दिल्ली के चुनावों में पार्टी को सत्ता मिलती है, तो वह गांवो को विशेष दर्जा देंगे। जो विकास दिल्ली के ग्रेटर कैलाश जैसे आधुनिक इलाके में होता है, वही विकास अब गांवों का भी होगा।
इतना ही नहीं जिस तरह एमपी और एमएलए फंड होता है, ठीक वैसा ही ग्रामीण विकास फंड होगा जो गांव वालों के मुताबिक ही खर्च होगा, उन्हें छोटी छोटी चीजों के लिए एमएलए या एमपी के पास नही जाना पड़ेगा। इतना ही नही खाद और बीज को लेकर जो सब्सिडी दूसरे राज्यों के किसानों को मिलती है वही सुविधाएं दिल्ली के किसानों को भी मिलेंगे।
केजरीवाल ने ये बात दिल्ली डायलॉग के चौथे चरण के दौरान कही और दिल्ली के 362 गांवों के लिए पार्टी के विज़न का खुलासा किया।
गौरतलब है कि दिल्ली के शहरी क्षेत्रों में 135 और ग्रामीण क्षेत्रों में 227 गांव आते हैं। पिछले चुनाव में आप को शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाके से काफी कम वोट मिले थे। अब पार्टी को लग रहा है कि अगर दिल्ली में अकेले अपने दम पर सरकार बनानी है तो ग्रामीण इलाकों का सहयोग मिले बगैर ये संभव नही है।
ग्रामीण संवाद नाम के इस कार्यक्रम में पार्टी ने गावों में होने वाले भूमि अधिग्रहण पर जारी किए जाने वाले अध्यादेश का विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह अपने फायदे के लिए किसानों का इस्तेमाल करती है और उनकी गांव के विकास में उसकी कोई रुचि नहीं है।
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