राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी तय करने को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दुविधा में हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस दुविधा में फंस गए हैं कि आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा में किसे भेजें? अगले महीने दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होंगे. दिल्ली विधानसभा में पूर्ण वर्चस्व होने के कारण आम आदमी पार्टी तीनों सीटें जीत सकती है. लेकिन उम्मीदवारों को लेकर फैसला नहीं हो पा रहा है. बताया जाता है कि कम से कम सात लोगों ने राज्यसभा प्रत्याशी बनने के लिए पार्टी से संपर्क किया है.
राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शनिवार को शुरू होगी और पांच जनवरी को समाप्त हो जाएगी. चुनाव 16 जनवरी को होंगे.
यह भी पढ़ें : राज्यसभा चुनाव पर पार्टी में खींचतान,सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया शनिवार से छुट्टी पर
आप के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को मैदान में नहीं उतारा जाएगा. कुमार विश्वास को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने शुक्रवार को सुबह दिल्ली में आप मुख्यालय में चार घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. सूत्रों के मुताबिक आप की राजनीतिक मामलों की समिति अगले सप्ताह पार्टी के उम्मीदवारों पर फैसला करेगी. सूत्रों ने बताया कि पत्रकार से राजनेता बने आशुतोष और संजय सिंह को दो सीटों पर राज्यसभा भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है. तीसरे के लिए अटकलें हैं कि अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति में आने के लिए राज्यसभा में जाने का विकल्प चुन सकते हैं.
बताया जाता है कि अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में आम आदमी पार्टी की ओर से एक ख्यात पेशेवर को भेजने के लिए उत्सुक थे. उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को पिछले महीने प्रस्ताव दिया था. इस पर राजन ने कहा था कि शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी पूर्णकालिक अकादमिक नौकरी छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है. बताया जाता है कि उनके प्रस्ताव पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने भी इनकार कर दिया है. केजरीवाल ने इंफोसिस के संस्थापक एनएम नारायणमूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता व सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और उद्योगपति सुनील मुंजाल से भी संपर्क किया, लेकिन सभी ने मना कर दिया. ऐसा माना जाता है कि वे सभी केजरीवाल के केंद्र के साथ लगातार टकराव और आप की नीतियों को लेकर सहजता महसूस नहीं करते.
VIDEO : बीजेपी को चुनौती देने का दम
दिल्ली में राज्यसभा सीटों की तीन सीटें हैं. आगामी 27 जनवरी को कांग्रेस के मौजूदा सदस्य जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी और करण सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है. नए राज्यसभा सदस्यों को दिल्ली विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुना जाएगा. विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 67 और भाजपा के तीन सदस्य हैं. आप के भारी बहुमत का मतलब है कि यह तीनों सीटें उसे हसिल हो सकती हैं. फिलहाल तो उसे उम्मीदवारों की जरूरत है.
राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शनिवार को शुरू होगी और पांच जनवरी को समाप्त हो जाएगी. चुनाव 16 जनवरी को होंगे.
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आप के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को मैदान में नहीं उतारा जाएगा. कुमार विश्वास को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने शुक्रवार को सुबह दिल्ली में आप मुख्यालय में चार घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. सूत्रों के मुताबिक आप की राजनीतिक मामलों की समिति अगले सप्ताह पार्टी के उम्मीदवारों पर फैसला करेगी. सूत्रों ने बताया कि पत्रकार से राजनेता बने आशुतोष और संजय सिंह को दो सीटों पर राज्यसभा भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है. तीसरे के लिए अटकलें हैं कि अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति में आने के लिए राज्यसभा में जाने का विकल्प चुन सकते हैं.
बताया जाता है कि अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में आम आदमी पार्टी की ओर से एक ख्यात पेशेवर को भेजने के लिए उत्सुक थे. उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को पिछले महीने प्रस्ताव दिया था. इस पर राजन ने कहा था कि शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी पूर्णकालिक अकादमिक नौकरी छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है. बताया जाता है कि उनके प्रस्ताव पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने भी इनकार कर दिया है. केजरीवाल ने इंफोसिस के संस्थापक एनएम नारायणमूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता व सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और उद्योगपति सुनील मुंजाल से भी संपर्क किया, लेकिन सभी ने मना कर दिया. ऐसा माना जाता है कि वे सभी केजरीवाल के केंद्र के साथ लगातार टकराव और आप की नीतियों को लेकर सहजता महसूस नहीं करते.
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दिल्ली में राज्यसभा सीटों की तीन सीटें हैं. आगामी 27 जनवरी को कांग्रेस के मौजूदा सदस्य जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी और करण सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है. नए राज्यसभा सदस्यों को दिल्ली विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुना जाएगा. विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 67 और भाजपा के तीन सदस्य हैं. आप के भारी बहुमत का मतलब है कि यह तीनों सीटें उसे हसिल हो सकती हैं. फिलहाल तो उसे उम्मीदवारों की जरूरत है.
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