केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद

श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर के कपाट परम्परागत विधिविधान व पूजा अर्चना के साथ सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बन्द कर दिए गए. 

केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • मंगलवार को भैयादूज के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए
  • शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में करेंगे
  • पूजा अर्चना के साथ सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बन्द कर दिए गए
केदारनाथ:

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को भैयादूज के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. अब श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में करेंगे. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर के कपाट परम्परागत विधिविधान व पूजा अर्चना के साथ सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बन्द कर दिए गए. 

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बता दें, मुख्य पुजारी केदार लिंग ने कपाट बंद होने की पूजा संपन्न करायी. इस मौके पर मंदिर परिसर में करीब 1200 श्रद्धालुओं के साथ ही मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, रूद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह भी मौजूद रहे. इस दौरान जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फैंट्री बैंड की धुनों से केदारपुरी गुंजायमान रही. जय बाबा केदारनाथ, बम—बम भोले के उदघोष के साथ श्री केदारनाथजी की पंचमुखी विग्रह मूर्ति को लेकर डोली ने मंदिर से प्रस्थान किया जो विभिन्न पड़ावों से गुजरते हुए 31 अक्टूबर को उनके शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी.

VIDEO: केदारनाथ मंदिर की दीवारों में कई दरारें

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)