यह ख़बर 12 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सचिन को भारतरत्न के खिलाफ हैं काटजू

खास बातें

  • भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा कि सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेटरों को भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि फिल्मी सितारों और क्रिकेट खिलाड़ियों को यह सम्मान देने की मांग निम्न सांस्कृतिक स्तर दिखाती है।
कोलकाता:

भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा कि सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेटरों को भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि फिल्मी सितारों और क्रिकेट खिलाड़ियों को यह सम्मान देने की मांग निम्न सांस्कृतिक स्तर दिखाती है।

काटजू ने कहा, ‘कोई कहता है कि पुरस्कार तेंदुलकर को मिलना चाहिए या सौरभ गांगुली को दिया जाना चाहिए। मैं कहता हूं कि यह इनमें से किसी को नहीं दिया जाना चाहिए।’ उन्होंने अपने कालीदास-गालिब फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, ‘कई बार फिल्मी सितारों और क्रिकेटरों को भारत रत्न देने की मांग की जाती है। यह देश में निचले सांस्कृतिक स्तर को दर्शाता है।’

डॉ. बीआर अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई वजह नहीं दिखाई देती कि काजी नजरूल इस्लाम को यह सम्मान नहीं दिया जाए जो महान राष्ट्रवादी कवि थे और महिलाओं, गरीबों और दलितों की दासता से मुक्ति के लिए लड़े।’

काटजू ने काजी नजरूल इस्लाम की रचनाओं के हिंदी में अनुवाद नहीं होने पर भी खेद जताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा है कि इनका अनुवाद कराया जाए। उन्होंने मेरे सुझाव को पसंद किया है।’

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काटजू ने कहा कि शरत चंद चटोपाध्याय, मुंशी प्रेमचंद और तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती को यह सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि कालीदास.गालिब सम्मान पुरस्कार नजरूल इस्लाम की पुत्रवधू कल्याणी काजी को दिया जाएगा।