उधमपुर हमले के मास्टरमाइंड का पीछा करते हुए शहीद हुए कश्मीर के '24 ऑवर ड्यूटी कॉप'

उधमपुर हमले के मास्टरमाइंड का पीछा करते हुए शहीद हुए कश्मीर के '24 ऑवर ड्यूटी कॉप'

अल्ताफ अहमद की फाइल तस्वी

श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले में लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकवादियों ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर अल्ताफ अहमद की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। अल्ताफ को आतंक विरोधी अभियान में एक अहम शख्स माना जाता था और उन्हें कई आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने और खुफिया सूचनाएं जुटाकर कई आतंकवादियों को मार गिराने का भी श्रेय जाता है।

उनकी मौत से जम्मू कश्मीर की सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक के रजेंद्र कुमार कहते हैं, 'मैं कैमरे पर बोलने में असमर्थ हूं। शायद में टूट जाऊं।'

लश्कर कमांडर अबू कासिम की तलाश में जुटे थे अल्ताफ
पुलिस का कहना है कि अल्ताफ अपने दो सहकर्मियों के साथ बांदीपुरा में लश्कर कमांडर अबू कासिम का पता लगाने के लिए खुफिया मिशन पर थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकी कासिम उधमपुर में पांच अगस्त को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि वह लश्कर के बिछाए जाल में फंस कर आतंकवादी संगठन के शिकार बन गए।

'24 ऑवर ड्यूटी कॉप' थे अल्ताफ
अल्ताफ '24 ऑवर ड्यूटी कॉप' यानी चौबीसों घंटे ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी के तौर पर मशहूर थे। जैसे ही अल्ताफ की मौत की खबर फैली, पुलिस मुख्यालय में उदासी छा गई। पुलिस के आला अधिकारियों के अलावा मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सेना, अर्धसैनिक बलों और वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने अल्ताफ को श्रद्धांजलि दी। (पढ़ें- लश्कर के जाल में कैसे फंसे अल्ताफ)

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अल्ताफ एक कांस्टेबल के तौर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस में शामिल हुए थे। अपनी पेशेवर काबिलियित की वजह से उन्हें 2007 और 2012 के बीच तीन तरक्की मिली थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)