जम्मू कश्मीर : आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से माहौल तनावग्रस्त है...
श्रीनगर:
आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से जारी झड़पों में मरने वालों की संख्या 23 हो गई है। रविवार को एक पुलिसकर्मी समेत छह और लोग मारे गए, इसके अलावा 400 लोग घायल भी हुए हैं जिसमें से 100 पुलिसकर्मी हैं। घाटी के 10 ज़िलों में कर्फ़्यू लगा हुआ है और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। एहतियात के तौर पर जम्मू में भी मोबाइल इंटरनेट सेा को बंद कर दिया गया है।
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कश्मीर के मौजूदा हालात के पीछे वानी है?
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राजनाथ सिंह ने की उच्चस्तरीय मीटिंग
कश्मीर में अतिरिक्त 800 सीआरपीएफ के जवान भेजे गए हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह उच्चस्तरीय मीटिंग की है। इस बाबत रविवार को भी बैठक हुई थी जिसमें वहां के हालात का जायज़ा लिया गया था।
आतंकवाद से कड़ाई से निपटना चाहिए : सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मसले पर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे से समझौता नहीं होना चाहिए। आतंकवाद से कड़ाई से निपटना चाहिए। फिर भी नागरिकों की मौत और सुरक्षा बलों पर हमला दुखदायी है। पिछले दो दशक से राजनीतिक प्रक्रिया से जम्मू-कश्मीर में काफी कामयाबी मिली है और उसे खोना नहीं चाहिए। मैं घाटी में अपने भाई-बहनों से अपील करती हूं कि वे राजनीतिक दलों को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आपकी आकांक्षाओं को पूरा करने का मौका दें।
सरकार ने कहा, सहयोग करें, संयम बरतने की अपील
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कैबिनेट की बैठक कर हालात का जायजा लिया और सुरक्षा बलों के साथ झड़प में लोगों के मारे जाने पर दुख जताया। सरकार ने वादा किया कि सुरक्षा बलों की ओर से अनुचित ढंग से बल प्रयोग किया गया है तो उसकी जांच होगी। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे हिंसा भड़काने वालों के बातों में ना फंसे। मुख्यमंत्री ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित सभी अलगाववादियों और नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस जैसी मुख्यधारा की पार्टियों से अपील की है कि वे राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करें।
सीआरपीएफ की 20 और कंपनियां भेजी गईं, जबकि 60 पहले से मौजूद
वहीं हालात को काबू करने के लिए राज्य की अपील पर केंद्र ने सीआरपीएफ़ की 20 और कंपनियों को भेजा गया है। पहले से ही 60 कंपनियां वहां मौजूद हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह पुलवामा के नेवा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में 18 साल का इरफान अहमद मलिक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उन्होंने कहा कि इरफान को यहां एसएमएचएस अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसकी मौत हो गयी। अधिकारी के अनुसार एक अज्ञात शख्स को गंभीर हालत में जिला अस्पताल पुलवामा लाया गया लेकिन उसकी मृत्यु हो गयी। अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग जिले के संगम में भीड़ ने एक चल बंकर वाहन को झेलम नदी में धकेल दिया जिससे उसमें सवार पुलिस चालक फिरोज अहमद की मौत हो गयी।
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खालिद ने बुरहान पर लिखा पोस्ट हटाया
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आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से माहौल हुआ तनावग्रस्त...
कश्मीर का पोस्टर ब्वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया था। शुक्रवार को करीब सवा घंटे चली मुठभेड़ में सेना और पुलिस ने बुरहान वानी और उसके तीन साथियों को मार गिराया। केवल हिजबुल के ही नहीं, इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्या में जम्मू कश्मीर में सक्रिय सारे आतंकी संगठनों को टॉप कमांडर को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया था, "यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।"
बुरहान मुज़फ्फर वानी के बारे में कुछ बातें...
15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिजबुल से जुड़ा। उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था। कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था। उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा था। उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
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कश्मीर के मौजूदा हालात के पीछे वानी है?
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राजनाथ सिंह ने की उच्चस्तरीय मीटिंग
कश्मीर में अतिरिक्त 800 सीआरपीएफ के जवान भेजे गए हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह उच्चस्तरीय मीटिंग की है। इस बाबत रविवार को भी बैठक हुई थी जिसमें वहां के हालात का जायज़ा लिया गया था।
आतंकवाद से कड़ाई से निपटना चाहिए : सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मसले पर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे से समझौता नहीं होना चाहिए। आतंकवाद से कड़ाई से निपटना चाहिए। फिर भी नागरिकों की मौत और सुरक्षा बलों पर हमला दुखदायी है। पिछले दो दशक से राजनीतिक प्रक्रिया से जम्मू-कश्मीर में काफी कामयाबी मिली है और उसे खोना नहीं चाहिए। मैं घाटी में अपने भाई-बहनों से अपील करती हूं कि वे राजनीतिक दलों को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आपकी आकांक्षाओं को पूरा करने का मौका दें।
सरकार ने कहा, सहयोग करें, संयम बरतने की अपील
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कैबिनेट की बैठक कर हालात का जायजा लिया और सुरक्षा बलों के साथ झड़प में लोगों के मारे जाने पर दुख जताया। सरकार ने वादा किया कि सुरक्षा बलों की ओर से अनुचित ढंग से बल प्रयोग किया गया है तो उसकी जांच होगी। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे हिंसा भड़काने वालों के बातों में ना फंसे। मुख्यमंत्री ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित सभी अलगाववादियों और नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस जैसी मुख्यधारा की पार्टियों से अपील की है कि वे राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करें।
सीआरपीएफ की 20 और कंपनियां भेजी गईं, जबकि 60 पहले से मौजूद
वहीं हालात को काबू करने के लिए राज्य की अपील पर केंद्र ने सीआरपीएफ़ की 20 और कंपनियों को भेजा गया है। पहले से ही 60 कंपनियां वहां मौजूद हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह पुलवामा के नेवा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में 18 साल का इरफान अहमद मलिक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उन्होंने कहा कि इरफान को यहां एसएमएचएस अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसकी मौत हो गयी। अधिकारी के अनुसार एक अज्ञात शख्स को गंभीर हालत में जिला अस्पताल पुलवामा लाया गया लेकिन उसकी मृत्यु हो गयी। अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग जिले के संगम में भीड़ ने एक चल बंकर वाहन को झेलम नदी में धकेल दिया जिससे उसमें सवार पुलिस चालक फिरोज अहमद की मौत हो गयी।
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खालिद ने बुरहान पर लिखा पोस्ट हटाया
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आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से माहौल हुआ तनावग्रस्त...
कश्मीर का पोस्टर ब्वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया था। शुक्रवार को करीब सवा घंटे चली मुठभेड़ में सेना और पुलिस ने बुरहान वानी और उसके तीन साथियों को मार गिराया। केवल हिजबुल के ही नहीं, इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्या में जम्मू कश्मीर में सक्रिय सारे आतंकी संगठनों को टॉप कमांडर को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया था, "यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।"
बुरहान मुज़फ्फर वानी के बारे में कुछ बातें...
15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिजबुल से जुड़ा। उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था। कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था। उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा था। उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
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