
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बीएस येदियुरप्पा (फाइल फोटो).
बेंगलुरु:
कर्नाटक कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी येदियुरप्पा को इस्तेमाल करके बाहर फेंक देगी. कांग्रेस का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन के बाद आया जिसमें उन्हों मुख्यमंत्री के तौर पर येदियुरप्पा के अपनी पहली पसंद बताया था.
कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा 27 फरवरी को 75 साल के हो गए और इस मौके पर कर्नाटक के दावनगिरी में एक चुनावी सभा का आयोजन किया गया. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने येदियुरप्पा को "रयिता बांधव" यानी किसान बंधु की उपाधि से सम्मानित करते हुए कहा था कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए येदियुरप्पा उनकी "पसंद हैं." इसी सभा में मोदी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को "सीधा रुपैय्या सरकार" कहा था.
इस पर चुटकी लेते हुए कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा कि" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें जन्मदिन की बधाई देने नहीं बल्कि गुडबाय कहने आए थे क्योंकि चुनाव का परिणाम जो भो हो इतना तय है कि येदियुरप्पा का इस्तेमाल करने का मौका दोबारा दोनों को नहीं मिलेगा."
यह भी पढ़ें : PM मोदी ने सिद्धारमैया सरकार को कहा ‘सीधा रुपैया सरकार’, जबाव में कांग्रेस ने कही यह बात
दरअसल सवाल लिंगायतों के कद्दावर नेता येदियुरप्पा की ढलती उम्र को लेकर उठाए जा रहे हैं. वे अब 75 साल पूरे कर चुके हैं और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बीजेपी में एक धारणा बन गई है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री जैसे अहम पद नहीं दिए जाते.
इस धारणा को बल गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल के 2016 में इस्तीफ़े को लेकर मिला जो तब 75 साल की होने वाली थीं. इसके बाद मध्यप्रदेश में बाबूलाल गौड़ और सरताज सिंह की कैबिनेट से छुट्टी उनकी उम्र की वजह से ही की गई.
हालांकि कर्नाटक के चुनाव के लिए खास तौर पर पार्टी की तरफ से भेजे गए वरिष्ठ नेता प्रकाश जावेड़कर का मानना है कि येदियुरप्पा के नाम की घोषणा उनके 75 साल पूरे होने के वक्त की गई है ऐसे में किसी तरह की गलतफमी नही फैलनी चाहिए.
VIDEO : सिद्धरमैया सरकार पर मोदी का निशाना
कर्नाटक मामलों के पार्टी महासचिव मुरलीधर राव पहले ही बयान दे चुके हैं कि संसदीय बोर्ड ने उम्र सीमा को लेकर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया है. सिर्फ भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं.
कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा 27 फरवरी को 75 साल के हो गए और इस मौके पर कर्नाटक के दावनगिरी में एक चुनावी सभा का आयोजन किया गया. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने येदियुरप्पा को "रयिता बांधव" यानी किसान बंधु की उपाधि से सम्मानित करते हुए कहा था कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए येदियुरप्पा उनकी "पसंद हैं." इसी सभा में मोदी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को "सीधा रुपैय्या सरकार" कहा था.
इस पर चुटकी लेते हुए कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा कि" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें जन्मदिन की बधाई देने नहीं बल्कि गुडबाय कहने आए थे क्योंकि चुनाव का परिणाम जो भो हो इतना तय है कि येदियुरप्पा का इस्तेमाल करने का मौका दोबारा दोनों को नहीं मिलेगा."
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दरअसल सवाल लिंगायतों के कद्दावर नेता येदियुरप्पा की ढलती उम्र को लेकर उठाए जा रहे हैं. वे अब 75 साल पूरे कर चुके हैं और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बीजेपी में एक धारणा बन गई है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री जैसे अहम पद नहीं दिए जाते.
इस धारणा को बल गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल के 2016 में इस्तीफ़े को लेकर मिला जो तब 75 साल की होने वाली थीं. इसके बाद मध्यप्रदेश में बाबूलाल गौड़ और सरताज सिंह की कैबिनेट से छुट्टी उनकी उम्र की वजह से ही की गई.
हालांकि कर्नाटक के चुनाव के लिए खास तौर पर पार्टी की तरफ से भेजे गए वरिष्ठ नेता प्रकाश जावेड़कर का मानना है कि येदियुरप्पा के नाम की घोषणा उनके 75 साल पूरे होने के वक्त की गई है ऐसे में किसी तरह की गलतफमी नही फैलनी चाहिए.
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कर्नाटक मामलों के पार्टी महासचिव मुरलीधर राव पहले ही बयान दे चुके हैं कि संसदीय बोर्ड ने उम्र सीमा को लेकर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया है. सिर्फ भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं.
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