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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मुश्किलें अभी खत्म होती नज़र नहीं आ रही हैं। कर्नाटक कैबिनेट ने उनकी रिहाई के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के कानून मंत्री टी बी जयचंद्रा ने बताया कि कानून सचिव, महाधिवक्ता और विशेष सरकारी वकील बी.वी. आचार्य की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने जयललिता की रिहाई के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है।
चुनौती देने की सिफारिश करते हुए कर्नाटक के महा अधिवक्ता रविवर्मा कुमार ने यहां तक लिखा था कि इस मामले में अपील अगर कर्नाटक सरकार नहीं करती है तो जो भरोसा सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की न्याय प्रणाली में जताया है, इस मामले को राज्य के हवाले कर, उसके साथ ये खिलवाड़ होगा।
विशेष सरकारी वकील बी.वी. आचार्य ने कैबिनेट के फैसले के बाद कहा कि ऐसे मामलों में पिछले आदेश पर रोक की अपील की जाती है और वो भी ऐसा ही करेंगे।
कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद जयललिता ने 23 मई को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इससे पहले कर्नाटक की एक विशेष ट्रायल कोर्ट ने तक़रीबन 19 साल पुराने लगभग 67 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में 100 करोड़ रुपये का जुर्माना और चार साल की सज़ा सुनायी थी। लेकिन 11 मई को कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता को उनके दूसरे तीन सहयोगियों के साथ इस मामले से बरी करते हुए उनकी जब्त संपत्ति को फ़ौरन उन्हें वापस करने का आदेश दिया था।
कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के कानून मंत्री टी बी जयचंद्रा ने बताया कि कानून सचिव, महाधिवक्ता और विशेष सरकारी वकील बी.वी. आचार्य की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने जयललिता की रिहाई के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है।
चुनौती देने की सिफारिश करते हुए कर्नाटक के महा अधिवक्ता रविवर्मा कुमार ने यहां तक लिखा था कि इस मामले में अपील अगर कर्नाटक सरकार नहीं करती है तो जो भरोसा सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की न्याय प्रणाली में जताया है, इस मामले को राज्य के हवाले कर, उसके साथ ये खिलवाड़ होगा।
विशेष सरकारी वकील बी.वी. आचार्य ने कैबिनेट के फैसले के बाद कहा कि ऐसे मामलों में पिछले आदेश पर रोक की अपील की जाती है और वो भी ऐसा ही करेंगे।
कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद जयललिता ने 23 मई को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इससे पहले कर्नाटक की एक विशेष ट्रायल कोर्ट ने तक़रीबन 19 साल पुराने लगभग 67 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में 100 करोड़ रुपये का जुर्माना और चार साल की सज़ा सुनायी थी। लेकिन 11 मई को कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता को उनके दूसरे तीन सहयोगियों के साथ इस मामले से बरी करते हुए उनकी जब्त संपत्ति को फ़ौरन उन्हें वापस करने का आदेश दिया था।
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