कर्नाटक कांग्रेस के नेता शिवकुमार दिल्ली में ईडी के सामने पेश हुए, चार घंटे तक हुई पूछताछ

ED ने कर्नाटक कांग्रेस के सीनियर नेता डी के शिवकुमार से मनी लॉड्रिंग के एक मामले में शुक्रवार को चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की.

कर्नाटक कांग्रेस के नेता शिवकुमार दिल्ली में ईडी के सामने पेश हुए, चार घंटे तक हुई पूछताछ

अधिकारियों ने शिवकुमार को आज फिर से बयान दर्ज कराने के लिए कहा है

नई दिल्ली:

ED ने कर्नाटक कांग्रेस के सीनियर नेता डी के शिवकुमार से मनी लॉड्रिंग के एक मामले में शुक्रवार को चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि शिवकुमार शाम करीब साढ़े छह बजे यहां खान मार्केट में लोक नायक भवन स्थित एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे. उनके साथ उनके समर्थक भी थे. वह रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर वहां से निकले. अधिकारियों ने बताया कि धनशोधन रोकथाम कानून के तहत शिवकुमार का बयान दर्ज कर लिया गया है. आपको बता दें कि मामले के जांच अधिकारी ने उन्हें आज फिर से बयान दर्ज कराने के लिए कहा है. 

कर्नाटक की राजनीति के 'चाणक्य' इस कांग्रेस नेता पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी

कनकपुरा विधानसभा सीट से विधायक ने एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से कहा, 'यह मेरा कर्तव्य है (पेश होना)... मुझे कानून का सम्मान करना है. हम कानून बनाने वाले और कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं. उन्होंने (ईडी) मुझे बुलाया है... मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे धनशोधन रोकथाम कानून के तहत क्यों बुलाया है.' उन्होंने कहा कि वह ईडी का सामना करने के लिए तैयार हैं. गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिवकुमार की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी थी. इसके बाद उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना पड़ा. 

CCD के लापता मालिक का कथित खत आया सामने, टैक्स अधिकारी पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इससे पहले, दिन में शिवकुमार ने संकेत दिया कि 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में सुरक्षित रखने में उनकी 'महत्वपूर्ण भूमिका' आयकर छापों और बाद में ईडी की कार्रवाई का कारण है. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. ईडी का मामला आयकर विभाग द्वारा पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर एक आरोपपत्र पर आधारित है जिसमें करोड़ों रुपये की कर चोरी और हवाला लेनदेन का आरोप लगाया गया था.