कर्नाटक विधानसभा में सरकार ने गोहत्या रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 पेश और पास करा लिया. कांग्रेस का आरोप है कि ये सब चुपचाप किया गया. बिज़नेस एडवाइजरी कमेटी में न इसका ज़िक्र किया गया और ना ही इसकी कॉपी दी गई, इससे नाराज कांग्रेस ने विधान सभा सत्र का बहिष्कार किया. विधानसभा परिसर में गोहत्या रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 के पास होने के बाद गाय की पूजा भी की गई
एनिमल हसबेंडरी मंत्री, प्रभु चौहान ने कहा, "ये बिल पहली बार आया और माता की पूजा भी यहां पहली बार हुई है."
इस बिल में 13 साल से कम उम्र की गाय-भैसों के साथ-साथ इनके बछड़ों और बैलों की हत्या तस्कर और इनके अवैध परिवहन पर पूरी तरह रोक है, साथ ही 3 से 5 साल की सज़ा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी है.
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने विपक्ष को बताए बिना बिल पेश भी किया और पास भी कराया जो कि लोकतंत्र के खिलाफ है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एमबी पाटिल ने कहा, "हमारे साथ धोखा किया गया है. बगैर बिज़नेस एडवाइजरी में चर्चा के इसे पेश किया गया. सभो को अंधेरे में रखा गया.
इस बारे में जब मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हम विपक्ष से विनती करते है कि वो सदन में आए."
इस बिल में 13 साल से अधिक उम्र के मवेशियों को कसाईखाने में ले जाने पर रोक नही है.लेकिन इस पर ज़ोरदार बहस की सम्भावना थी. इस सलाह के साथ कि बीजेपी क्यों न गौशाला खोल 13 साल से ज्यादा उम्र के मवेशियों की भी हिफाज़त करे. ऐसा बताया जा रहा है कि ऐसे हालात से बचने के लिए विधान सभा मे चर्चा रोक ली गई.
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