बॉश फैक्ट्री का दौरा करते हुए पीएम मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल (फाइल फोटो)।
बेंगलुरु:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को बेंगलुरु आए। उन्होंने एक बॉश फैक्ट्री का दौर किया और नैसकॉम के कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसमें आईटी और उद्योग जगत की देश की जानीमानी हस्तियां मौजूद थीं। बॉश फैक्ट्री के दौरे में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को आखिरी वक्त पर न्योता दिया गया। शहर के पांच सितारा होटल लीला पैलेस में हुए नैसकॉम के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को न्योता न तो प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मिला न ही नैसकॉम से।
मोदी की कथनी और करनी में फर्क
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में अनौपचारिक तौर पर मंत्रियों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई। एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और खाद्य आपूर्ति मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि नरेंद्र मोदी फेडेरलिज्म की बात करते हैं लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री के साथ जो व्यवहार हुआ है, उनकी कथनी और करनी में फर्क दिखाता है।
दिग्विजय सिंह से मामले को उठाने का आग्रह
पार्टी की राज्य इकाई ने नाराजगी पार्टी महासचिव दिग्विजिय सिंह से जताई है। सिद्धरमैय्या के कैबिनेट सहयोगी ने उनसे आग्रह किया है कि वे इस मामले को फौरन प्रधानमंत्री कार्यालय में उठाएं। पार्टी की राज्य इकाई का मानना है कि मुख्यमंत्री को न्योता जानबूझकर नहीं दिया गया क्योंकि वे कांग्रेस पार्टी से हैं।
राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री टीबी जैचंद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी किसी सरकारी कार्यक्रम में आते हैं तो वहां का मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल के मुताबिक मुख्य अतिथि का दर्जा पाता है, लेकिन नैसकॉम एक सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद जानबूझकर मुख्यमंत्री को इससे दूर रखा गया।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम खत्म होने पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के सम्मान में उसी होटल में भोज भी दिया लेकिन मुख्यमंत्री वहां भी आमंत्रित नहीं थे। कार्यक्रम खत्म होने पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया प्रोटोकॉल का सम्मान करते हुए नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल को विदा करने एचएएल एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
मोदी की कथनी और करनी में फर्क
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में अनौपचारिक तौर पर मंत्रियों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई। एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और खाद्य आपूर्ति मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि नरेंद्र मोदी फेडेरलिज्म की बात करते हैं लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री के साथ जो व्यवहार हुआ है, उनकी कथनी और करनी में फर्क दिखाता है।
दिग्विजय सिंह से मामले को उठाने का आग्रह
पार्टी की राज्य इकाई ने नाराजगी पार्टी महासचिव दिग्विजिय सिंह से जताई है। सिद्धरमैय्या के कैबिनेट सहयोगी ने उनसे आग्रह किया है कि वे इस मामले को फौरन प्रधानमंत्री कार्यालय में उठाएं। पार्टी की राज्य इकाई का मानना है कि मुख्यमंत्री को न्योता जानबूझकर नहीं दिया गया क्योंकि वे कांग्रेस पार्टी से हैं।
राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री टीबी जैचंद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी किसी सरकारी कार्यक्रम में आते हैं तो वहां का मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल के मुताबिक मुख्य अतिथि का दर्जा पाता है, लेकिन नैसकॉम एक सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद जानबूझकर मुख्यमंत्री को इससे दूर रखा गया।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम खत्म होने पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के सम्मान में उसी होटल में भोज भी दिया लेकिन मुख्यमंत्री वहां भी आमंत्रित नहीं थे। कार्यक्रम खत्म होने पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया प्रोटोकॉल का सम्मान करते हुए नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल को विदा करने एचएएल एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
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