कपिल शर्मा और उनकी वह बिल्डिंग जिस पर नोटिस मिला है.
मुंबई:
कॉमेडियन कपिल शर्मा ने बीएमसी के खिलाफ बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका दायर कर उनके कथित अवैध निर्माण को तोड़ने से रोकने की मांग की. कोर्ट ने सुनवाई को बाद कपिल शर्मा को राहत देते हुए 23 नवंबर तक बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. शर्मा का आरोप है और दलील है कि बीएमसी गलत मंशा से काम कर रही है और उसका कदम गैर-कानूनी है.
कपिल शर्मा ने पिछले महीने ट्वीट कर बीएमसी के एक अफसर पर वर्सोवा के उनके एक दफ्तर के निर्माण के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया जिसके बाद से उनके दोनों निर्माण सवालों के घेरे में हैं.
कपिल शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट में दायर अर्जी में लिखा है कि 18 मंजिला उस बिल्डिंग को पहले सीसी और फिर 6 नवंबर 2013 को ओसी भी खुद बीएमसी ने दिया है. लेकिन, फिर अचानक 14 नवंबर 2014 बीएमसी के बिल्डिंग और फैक्टरी डिपार्टमेंट ने नोटिस देकर बिल्डिंग के कुछ हिस्से को अवैध बताया.
उन्होंने तब जवाब में किसी भी तरह के अवैध निर्माण से मना किया. लेकिन जब बीएमसी उनके जवाब से सहमत नहीं हुई तब उन्होंने दिंडोशी में अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने 28 दिसंबर 2014 को अंतरिम राहत देते हुए सुनवाई पूरी होने तक बीएमसी की किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी.
शर्मा के मुताबिक अदालती रोक होने के बावजूद उन्हें अप्रैल 2016 को बीएमसी ने फिर तोड़ने की नोटिस दी. इसलिए कपिल शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट में अर्जी देकर बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है. अर्जी पर सुनवाई होनी अभी बाकी है.
कपिल शर्मा ने पिछले महीने ट्वीट कर बीएमसी के एक अफसर पर वर्सोवा के उनके एक दफ्तर के निर्माण के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया जिसके बाद से उनके दोनों निर्माण सवालों के घेरे में हैं.
कपिल शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट में दायर अर्जी में लिखा है कि 18 मंजिला उस बिल्डिंग को पहले सीसी और फिर 6 नवंबर 2013 को ओसी भी खुद बीएमसी ने दिया है. लेकिन, फिर अचानक 14 नवंबर 2014 बीएमसी के बिल्डिंग और फैक्टरी डिपार्टमेंट ने नोटिस देकर बिल्डिंग के कुछ हिस्से को अवैध बताया.
उन्होंने तब जवाब में किसी भी तरह के अवैध निर्माण से मना किया. लेकिन जब बीएमसी उनके जवाब से सहमत नहीं हुई तब उन्होंने दिंडोशी में अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने 28 दिसंबर 2014 को अंतरिम राहत देते हुए सुनवाई पूरी होने तक बीएमसी की किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी.
शर्मा के मुताबिक अदालती रोक होने के बावजूद उन्हें अप्रैल 2016 को बीएमसी ने फिर तोड़ने की नोटिस दी. इसलिए कपिल शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट में अर्जी देकर बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है. अर्जी पर सुनवाई होनी अभी बाकी है.
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