मक्कल निधी मैअम अध्यक्ष और अभिनेता कमल हासन ने बुधवार को यहां मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की और कहा कि उनका भाषण सिर्फ नाथूराम गोडसे के खिलाफ था और सभी हिंदुओं के बारे में नहीं था. इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने हासन की उस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया था जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में ‘‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिंदू होने'' संबंधी बयान पर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आदेश दिये जाने की मांग की थी.
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न्यायमूर्ति बी पुगालेंधी की मदुरै पीठ ने कहा कि इस तरह की दलीलों को छुट्टी के दौरान आकस्मिक याचिकाओं के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि अगर अग्रिम जमानत याचिका दायर की जाती है तो उस पर सुनवाई हो सकती है. इसके बाद कमल हासन ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. हासन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया था.
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हासन ने कहा कि शिकायतकर्ता उनकी चुनावी सभा में व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध नहीं था और इसका जिक्र प्राथमिकी में स्पष्ट रूप से है. महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का उल्लेख करते हुए हासन ने रविवार को कहा था कि ‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था.'प्रदेश के अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में 19 मई को उपचुनाव है. (इनपुट भाषा से)
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